भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मालदीव के विदेश मंत्री दुनया मौमून के बीच 11 अक्टूबर 2015 को भारत-मालदीव संयुक्त आयोग की 5वीं बैठक माले में संपन्न हुई. भारत-मालदीव ने इस बैठक में ने रक्षा और सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया.
उपरोक्त वार्ता के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मौमून को भरोसा दिलाया कि भारत हिंद महासागर के अपने इस पड़ोसी मुल्क को हमेशा सुरक्षा मुहैया कराता रहेगा. इस दौरान विदेश मंत्री ने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को दोहराते हुए कहा, 'भारत आपसी विश्वास और संवेदनशीलता के साथ मालदीव से अपने संबधों को विकसित करने और उन्हें विस्तार देने को काफी महत्व देता है.’ इस बैठक के दौरान यामीन ने कहा कि मालदीव भारत में 2016 में इनवेस्टमेंट फोरम का आयोजन करेगा जो कि 'विजिट मालदीव' वर्ष भी है.
15 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद हुई इस बैठक को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि यह बैठक भारत मालदीव के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने की 50 वीं वर्षगांठ पर के साल आयोजित की जा रही है. इस दौरान दोनों देशों ने उत्पाद एंव सेवा, व्यापार बढ़ाने, बैंकों एंव वत्तीय क्षेत्रों में संधि बढ़ाने, दोहरे कराधान से बचने एंव कर सूचना साझा करने के साथ ही अनेक क्षेत्रों में शीघ्र समझौता करने पर जोर दिया.
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