Bihar Politics Updates: बिहार राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी माने जाने वाले नीतीश कुमार ने एक बार फिर से लोगों को अपने फैसले से चौंका दिया है. उन्होंने आजेडी से एक बार फिर अलग होकर एनडीए के साथ जाने का फैसला लिया और शाम को एनडीए के समर्थन से सीएम पद की शपथ भी ली.
बिहार की राजनीति पिछले तीन दशकों से नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के इर्द-गिर्द ही घूम रही है. साल 1974 के बिहार छात्र आंदोलन के बाद दोनों नेताओं ने राजनीति में कदम रखा.
9वीं बार सीएम बने नीतीश:
बिहार की सत्ता में एक बार फिर परिवर्तन हो गया है. लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बदला है. एनडीए के समर्थन से नीतीश कुमार नौंवी बार सीएम पद की शपथ ले लिए है. राजभवन में एक शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ बीजेपी के सम्राट चौधरी ने भी शपथ ली है.
जेडीयू के कद्दावर नेता विजेंद्र प्रसाद यादव ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. वह सुपौल से 30 साल से लगातार विधायक हैं. साल 1991 में लालू सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रह चुके हैं.
PM Narendra Modi congratulates Nitish Kumar, Samrat Choudhary and Vijay Sinha on taking oath as CM, Deputy Chief Ministers of Bihar
— ANI (@ANI) January 28, 2024
"The NDA government formed in Bihar will leave no stone unturned for the development of the state and to fulfil the aspirations of its… pic.twitter.com/jLjB8hJOh3
लालू और नीतीश के राजनीतिक रिश्ते:
दोनों नेताओं के रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे है. साल 1990 में लालू यादव जब पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उस दौरान नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव को सीएम बनने में मदद की थी. राजीनीति में रिश्ते बनते-बिगड़ते रहते है यही इन दोनों नेताओं के साथ भी हुआ.
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव 1977 संसद सदस्य बने जबकि नीतीश कुमार साल 1985 में पहली बार विधायक बने. लालू केन्द्रीय राजनीति में भी काफी सक्रीय रहे है. लेकिन नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में अपनी पकड मजबूत बनाये रखी.
बिहार राजनीतिक के "पलटू राम":
18 महीने से कम समय में यह नीतीश कुमार का दूसरा महत्वपूर्ण राजनीतिक मूव है और पिछले 11 वर्षों के भीतर यह चौथा मौका है. बिहार के राजनीतिक में "पलटू राम" के नाम से जाने जाने वाले नीतीश बीजेपी और आरजेडी के बीच तालमेल बिठाते रहे हैं.
नीतीश कुमार का पॉलिटिकल करियर:
नीतीश कुमार ने बिहार में खुद को एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित किया है कि उनकी पार्टी ने कभी भी अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं किया लेकिन सबसे लंबे समय तक बिहार पर शासन किया है.
नीतीश ने 1970 के दशक में बिहार राज्य छात्र महासंघ के सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और बाद में जनता पार्टी में शामिल हो गए.
वह पहली बार 1985 में बिहार विधान सभा के लिए चुने गए और कई बार विधानसभा के सदस्य रहे. नीतीश कुमार ने 2005 से 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभाला और राज्य के बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा डोमेन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया.
कब-कब बदला पाला?
- नीतीश कुमार ने 2005 से 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभाला. साल 2015 के चुनावों की तैयारी में, नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद की राजद, कांग्रेस और अन्य स्थानीय पार्टियों के साथ एक ग्रैंड अलायंस बनाया और जीत हासिल की. लेकिन दो वर्षो में उन्होंने ग्रैंड अलायंस को तोड़ दिया.
- नीतीश ने एक बार फिर बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई और छठी बार सीएम बने. 2020 में, उन्होंने भाजपा के साथ अपने सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ा और मुख्यमंत्री बने. हालांकि उनकी पार्टी ने बीजेपी से कम सीटें जीती.
- 2022 में नीतीश ने फिर से बीजेपी से नाता तोड़ लिया और लालू के साथ चले गए. उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और राजद के तेजस्वी यादव के साथ नई सरकार बनाई. उसके बाद उन्होंने एक बार फिर से बीजेपी से हाथ मिला लिया है.
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