इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते हुए IAS की तैयारी कैसे करें?

Jan 27, 2017, 13:31 IST

आईएएस परीक्षा के हाल के रूझानों पर गौर करें तो इसमें तकनीकी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों द्वारा काफी कम उम्र में अपार सफलता दर्ज करती दिखती है. आईएएस की तैयारी ग्रेजुएशन में ही शुरु कर देने की सलाह दी जाती है. खास कर तब जब आप इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र हों. यहां, हम इंजीनियरिंग करते हुए आईएएस की पढ़ाई कैसे करें, पर कुछ आकर्षक टिप्स दे रहे हैं.

बार– बार कई सिविल सेवकों ने अपने सफलता की कहानी साझा की है और बताया है कि कैसे उन्होंने बतौर एक साधारण छात्र के रूप में शुरुआत की, किस चीज ने उन्हें आईएएस बनने को प्रेरित किया और आखिरकार कैसे वे आईएएस प्रत्याशी से आईएएस अधिकारी बनें ।   
आमतौर पर ज्यादातर आईएएस उम्मीदवारों ने अपनी सफलता की शुरुआत कॉलेज के दिनों में की. अध्ययन और सर्वे बताते हैं कि आईएएस परीक्षा में सफल होने वाले करीब 25% उम्मीदवार इंजीनियर हैं और हर वर्ष और अधिक इंजीनियर आईएएस की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. हालांकि हर वर्ष 10 टॉपर्स में से कम– से– कम एक टॉपर इंजीनियर जरुर होता है लेकिन यह प्रतियोगिता तकनीकी छात्रों के बीच बहुत अधिक है. इसलिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई में लगे भविष्य के सभी आईएएस अधिकारियों को यह सलाह दी जाती है कि स्नातक के दिनों से ही परीक्षा के लिए पढ़ना शुरु कर दें.

आईएएस की तैयारी में की जाने वाली आम गलतियां

अब सवाल यह उठता है कि यूपीएससी की तैयारी कैसे शुरु की जाए? आईएएस की तैयारी के साथ ग्रेजुएशन की पढ़ाई का संतुलन कैसे बनाएं? इस लेख में हम सभी नए इंजीनियरों के लिए चरण– दर –चरण रणनीति बनाने की कोशिश करेंगे ताकि वे अपनी कड़ी मेहनत को सफलता में बदल सकें.

सबसे पहले यदि आप  अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग कोर्स का हिस्सा हैं तो आपका अधिकतर समय सेमेस्टर्स, क्लास टेस्ट, असाइमेंट्स, प्रोजेक्ट्स में लग जाता है तो पढ़ाई के लिए बनाया जाने वाल फुल फ्लेज्ड टाइम टेबल आपके लिए दीर्घकालिक समाधान नहीं होगा.

इसके अलावा गैर सामाजिक विज्ञान पृष्ठभूमि के होने के नाते अखबारों से राजनीतिक और आर्थिक मामलों के मुद्दों को समझना बहुत मुश्किल होगा. इसलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको शुरुआत से आईएएस की तैयारी शुरु करने की 5– चरण वाली प्रक्रिया मुहैया करा रहे हैं.

1. आईएएस परीक्षा के बारे में जानना

जब आप सागर की गहराई जानते हों तो पानी को बांटना समझदारी है. अपने जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए पहली बात जो समझने की जरूरत होती है वह है अपने लक्ष्य का संदर्भ. इस मामले में आईएएस परीक्षा क्या है? इस परीक्षा में सफल क्यों हों? जैसे सवालों का जवाब देना महत्वपूर्ण है .
दूसरा चरण है परीक्षा के पैटर्न, पात्रता मानदंड और परीक्षा के बारे में सभी मूल बातों  को समझना. विस्तृत आईएएस सिलेबस को जानने के लिए नीचे दिए लिंक को पढ़ें।

पहले चरण में प्रवेश करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है आईएएस प्रीलिम्स और आईएएस मेन्स परीक्षा के पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को देखना. इससे पठन सामग्री से जुड़े  जरूरतों को अच्छी तरह से आप समझ पाएंगे या परीक्षा के दृष्टिकोण से अवधारणाओं को बेतहर समझ पाएंगे. पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र ( बीते 5 वर्षों के उचित रहेंगें क्योंकि 2010 से पैटर्न बदल गए हैं) आपके पढ़ाई योजनाओं के लिए मार्गदर्शक का काम करेंगें, आपको आखिर क्या पढ़ना है, इस बात की जानकारी आपको पठन सामग्री से मिलेगी.

IAS के बारे में जानकारी

2. टॉपर्स से टिप्स

जैसा कि उपर बताया गया है प्रत्येक वर्ष बनने वाले आईएएस अधिकारियों में से करीब 20 % इंजीनियरिंग के छात्र होते हैं, इनके पास आपके लिए कुछ अनूठे टिप्स हैं. जैसे, 2015 की आईएएस टॉपर इरा सिंघल एनएसआईटी की कंप्यूटर इंजीनियर थीं, आईएएस 2015 की परीक्षा में 2 रैंक पर आने वाले राज पुरोहित आईआईटी, दिल्ली से हैं, 3 रैंक पर आने वाली निधि गुप्ता एनएसआईटी से हैं, 2014 के आईएएस टॉपर गौरव अग्रवाल आईआईटी कानपुर के छात्र रह चुके हैं और आखिर में इस वर्ष 3 रैंक लाने वाली जसमीत संधू भी आईआईटी से हैं।

देखें IAS टॉपर्स के इंटरव्यू

3. फंडामेंटल को लक्ष्य बनाएं

परीक्षा की मूल संरचना को जानने के बाद सबसे पहले बेस को लक्ष्य करें. जैसा कि इस लेख को पढ़ने वाले सभी सिविल इंजीनियर यह जानते हैं कि किसी भवन का डिजाइन तैयार करने के दौरान मजबूत नींव बनाना सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. हम एनसीईआरटी की किताबों (खासकर समाजिक विज्ञान विषय के लिए) से तैयारी शुरु करने की सलाह देते हैं. यदि स्कूल में एसएसटी में आप अच्छे छात्र नहीं थे तो कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की किताबें पढ़ें और यदि आपका एसएसटी ठीक– ठाक था तो कक्षा 9 से कक्षा 12 तक की किताबें पढ़ें.

कुशल और सटीक नोट्स बनाना एक कला है, अभ्यास के साथ ऐसा करना सीखें या आप कुछ टॉपर्स के ब्लॉग से उनके सैंपल नोट्स भी ले सकते हैं. प्रश्न पत्रों को देखने का काम पूरा कर लेने और एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ लेने के बाद आपको  किन चीजों की जरूरत है और किन की नहीं, का खाका तैयार कर पाएंगे. आपकी पढ़ाई कितनी अच्छी तरह से प्रगति कर रही है, इसका विश्लेषण करने के लिए आपका अपने पढ़ाई के ग्राफ को ट्रैक करना बहुत अनिवार्य है. बेसिक पूरा कर लेने के बाद नीचे दिए लिंक में निर्दिष्ट मानक किताबों में से कुछ के साथ प्रिलिम्स की तैयारी शुरु करें.

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4. अखबार से शुरु करें

आईएएस की तैयारी के लिए अखबार पढ़ना कितना जरूरी है, इसे बताना जरूरी नहीं है. पिछले वर्ष के पेपर को पढ़ने के बाद यह स्पष्ट हो चुका होगा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि यह प्रश्न सांख्यिकी खंड से है या यह प्रश्न वर्तमान मुद्दों पर आधारित है. यूपीएससी में पूछे जाने वाले प्रश्न सांख्यिकी के साथ– साथ किसी भी विषय के गतिशील पहलूओं का मिश्रण होते हैं और आपकी तैयारी भी उसी अनुसार होनी चाहिए.  

बतौर इंजीनियर सिर्फ एनसीईआरटी की किताबों और अखबारों को पढ़कर राजनीतिक एवं आर्थिक मुद्दों को वर्तमान घटनाओं के साथ जोड़कर गहराई से समझना बहुत मुश्किल है. इसलिए जैसा कि निम्नलिखित लिंक में प्रिलिम्स के लिए सुझाया गया है, आपको कुछ बेसिक किताबों जैसे लक्ष्मीकांत की इंडियन पॉलिटी, शशि थरूर की पैक्स इंडिका और उमा कपालिया की इंडियन इकोनॉमी को पढ़ना चाहिए.

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द हिन्दू या द इंडियन एक्सप्रेस ( जिसे आप आसानी से समझ सकें) को पढ़ने से शुरुआत करें और मुद्दों पर नोट्स बनाएं न कि खबरों पर. जैसे यदि कावेरी नदी जल विवाद पर कोई समाचार का सेग्मेंट है तो अंतरराज्यीय जल विवाद पर नोट्स बनाएं. ऐसा करने की क्षमता समय और अभ्यास के साथ विकसित होगी. द हिन्दू अखबार के अनुसार, बृहस्पतिवार के अंक में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा संपादकीय, ओपन– एडिटोरियल और विज्ञान एवं तकनीक वाला पेज होता है. सोमवार के अंक का भारतीय अर्थव्यवस्था का खंड और शुक्रवार के अंक का भारतीय संस्कृति का खंड महत्वपूर्ण होता है. इन खंडों से विस्तृत और समय पर नोट्स तैयार करें. द हिन्दू को पढ़ने के लिए विस्तृत रणनीति हेतु नीचे दिए लिंक को पढ़ें.

How to read The Hindu Newspaper for IAS Exam

सबसे अनूठी कला है वर्तमान की घटनाओं को विषय के आंकड़ों की अवधारणा और साथ ही यूपीएससी के सिलेबस से उसे जोड़ कर देखना. यह इस परीक्षा में सफलता की कुंजी है. इन तीनों पैमानों को अपने मन में बिठा लें और याद रखें यह पूरी तरह से संकलन और समझ के बारे में है.

5. अपने वैकल्पिक विषय में महारत हासिल करें

वैकल्पिक विषय को चुनना कुछ ऐसा है जैसा कि आप अपने दोस्त का चुनाव कर रहे हों. आपको उसे उसकी बुराइयों और अच्छाईयों के साथ पूरे मन से अपनाना होगा. इसलिए वैकल्पिक विषय का चुनाव इस बात को ध्यान में रख कर न करें कि परीक्षा में कौन सा विषय अधिक अंक दिला सकता है या कई उम्मीदवारों ने आपको कौन सा विषय लेने को प्रेरित किया है. और हां, सिर्फ इसलिए की आप एक इंजीनियर हैं अपने विकल्पों को तकनीकी विषयों तक ही सीमित न रखें.

आप उस विषय को चुनें जिसे पढ़ना आपको अच्छा लगता है, वैसा विषय जिसमें आपकी रूची हो, तब भी जब आप उस विषय में किसी विशेष चीज को पढ़ने की इच्छा न रखते हों क्योंकि आम पढ़ाई में सभी विषयों के बारे में जानकारी रखते हुए भी आप सफल हो सकते हैं लेकिन वैकल्पिक विषय में आपको उससे जुड़ी सभी कलाओं में महारत हासिल करनी होगी. कुछ सर्वाधिक लोकप्रिय वैकल्पिक विषय हैं लोक प्रशासन, भूगोल, इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र और मनोविज्ञान लेकिन यदि आप मैकनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स या सिविल इंजीनियरिंग जैसे प्रमुख विषयों में अच्छे हैं तो इंजीनियरिंग विषय का विकल्प भी ले सकते हैं.

कॉलेज से ही तैयारी शुरु करने का एक लाभ यह है कि आप अपने वैकल्पिक विषय को काफी समय दे सकते हैं और यदि वह इंजीनियरिंग का ही कोई विषय है तो यह काफी अच्छी बात होगी. अपने वैकल्पिक विषय पर जितनी अच्छी पकड़ बना सकते हैं बना लें क्योंकि जब आप परीक्षा के असली दौड़ में शामिल होंगे तब यह आपके लिए ट्रंप कार्ड की तरह काम करेगा. यह दूसरों के मुकाबले आपको आगे रखेगा और करेंट अफेयर्स पर अधिक ध्यान देने के लिए समय देगा.  

6. उत्तर लिखना शुरु करें

सबसे पहले पिछले वर्ष के प्रश्नों को हल करें और प्रश्न में दी गई शब्द सीमा के भीतर उत्तर लिखने की कोशिश करें. यह आपको सटीकता से और बिल्कुल मुद्दे की बात लिखने में मदद करेगा. इस चरण में एक और चीज है जिसके बारे में आप अनुमान लगा सकते हैं, वह है, परीक्षा में पूछे जा सकने वाले प्रश्नों के प्रकार या परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण घटनाओं के प्रकार .

अखबार में दिए मुद्दों ( खासकर द हिन्दू के संपादकीय में दिए जाने वाले मुद्दे) या किसी अन्य पठन सामग्री से रोजाना एक मॉडल उत्तर लिखने की आदत बनाएं.
यदि आप अपने उत्तर की सीमा का मूल्यांकन करने में सक्षम नहीं हैं तो टॉपरों के ऑनलाइन उपलब्ध मॉडल उत्तरों को देखें. सिंधु जल संधि पर एक विस्तृत उत्तर नीचे दिया गया है.

Answer writing Tips for IAS Main Exam

7. बार बार अभ्यास करना

निरंतरता और अनुभव का कोई विकल्प नहीं है. यदि कोई पूछे कि आईएएस की परीक्षा में सफल होने के लिए मुख्य आदत को संक्षेप में बताएं, तो क्या कहेंगे?  जबाव होगा,  “पढ़ें, लिखें और दुहराएं”. एनसीईआरटी और अखबारों से बनाए गए प्रमुख नोट्स को दुहराने के लिए समय का प्रबंधन करें खासतौर पर सेमेस्टर के आखिर में.
ये सारी बातें आपके सफलता की वजह बन सकती हैं लेकिन आपकी तैयारी  पठन सामग्री आपकी स्थिति, आपके वैकल्पिक विषय की स्थिति और आप कितनी अच्छी तरह से उत्तर लिख पाते हैं, पर निर्भर करती है. संपादकीय पढ़ना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना समय के साथ, पर्याप्त मात्रा में एवं परीक्षा के दबाव में उसके कंटेंट को फिर से अपने शब्दों में लिखने में सक्षम होना. परीक्षा आपसे क्या चाहता है, इसे समझें.

उपरोक्त विवरण के साथ हम यह कह सकते हैं कि यदि आप यूपीएससी के बेसिक जानकारी यानि परीक्षा के पैटर्न, सफलता का अनुपात, सिलेबस के साथ इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष के छात्र हैं और द हिन्दू अखबार को काफी समझदारी के साथ पढ़ते हैं, टॉपरों के टिप्स को पढ़ते और अपनाते हैं तो आप बेस बनाने और आईएएस की परीक्षा में सफल होने के लिए काफी अच्छी स्थिति में हैं. याद रखें, परीक्षा में पास होना एक दिन की बात नहीं है, यह निरंतरता, धैर्य और इच्छाशक्ति की कठिन पथ यात्रा है. संक्षेप में एनसीईआरटी की किताबों से अपना बेस तैयार करें, अखबार पढ़ने की आदत डालें और कॉलेज के दिनों में ही अपने वैकल्पिक विषय में महारत  हासिल करें ताकि तैयारी आपके लिए कुछ आसान हो जाय.

IAS उम्मीदवार से IAS अधिकारी बनने का सफर

Jagran Josh
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Education Desk

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