BRICS Summit 2024: वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य के बदलते दौर में, रूस के कज़ान में 22 से 24 अक्टूबर 2024 तक BRICS शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी मेजबानी रूस कर रहा है. इस शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, भारत, दक्षिण अफ्रीका और नए सदस्य देशों जैसे ईरान और मिस्र के प्रमुख नेता हिस्सा लेंगे, जो प्रमुख भू-राजनीतिक और आर्थिक बदलावों पर चर्चा करेंगे.
यह भी देखें: 8th Pay Commission: 18 हजार की जगह कितनी होगी मिनिमम बेसिक सैलरी और कितनी बढ़ेगी पेंशन? जानें
यह शिखर सम्मेलन BRICS के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है, खासकर जब यह पश्चिमी प्रभुत्व को चुनौती देने के उद्देश्य से एकजुट होता दिख रहा है. यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में अशांति जैसे मुद्दे एजेंडे पर हैं, जहां BRICS एक नई वैश्विक व्यवस्था बनाने की दिशा में संयुक्त मोर्चा पेश करना चाहता है.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), इथियोपिया और तुर्की जैसे देशों का समावेश समूह की बढ़ती पहुंच और बहुध्रुवीय विश्व के प्रति उसकी महत्वाकांक्षा को दर्शाता है. BRICS शिखर सम्मेलन 2024 वैश्विक राजनीति को एक नई दिशा देने की ओर इशारा करता है, जहां दुनिया के प्रमुख उभरते अर्थव्यवस्था वाले देश एकजुट होकर नई व्यवस्था की बात कर रहे हैं.
पुतिन करेंगे अध्यक्षता:
वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य के बदलते दौर में, 2024 का BRICS शिखर सम्मेलन, जिसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कज़ान में आयोजित किया है, विभिन्न देशों के नेताओं को एक साथ ला रहा है.
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे पीएम मोदी:
BRICS शिखर सम्मेलन 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. उनकी भागीदारी भारत की वैश्विक भू-राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है, जहां भारत BRICS के साथ-साथ पश्चिमी देशों के साथ भी संतुलन बनाए रखने की नीति पर काम कर रहा है.
कौन से देश ले रहे भाग:
BRICS शिखर सम्मेलन 2024 में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब और इथियोपिया को नए पूर्ण सदस्य देशों के रूप में BRICS समूह में शामिल किया गया है.
देश | सम्मेलन में भागीदारी का महत्व |
रूस | पुतिन द्वारा आयोजित, रूस अपनी अंतर्राष्ट्रीय शक्ति और नेतृत्व को प्रदर्शित कर रहा है, खासकर पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच. |
चीन | चीन BRICS में बढ़ते वैश्विक प्रभाव और पश्चिमी प्रभुत्व के मुकाबले की दिशा में रूस का समर्थन कर रहा है. |
भारत | भारत अपने संतुलनकारी कूटनीति के माध्यम से, पश्चिम और BRICS दोनों के साथ संबंध बनाए रखने की नीति का प्रदर्शन कर रहा है. |
दक्षिण अफ्रीका | अफ्रीका की आवाज़ को वैश्विक मंच पर लाने के उद्देश्य से दक्षिण अफ्रीका BRICS का एक महत्वपूर्ण सदस्य बना हुआ है. |
ब्राज़ील | ब्राज़ील की गैर-मौजूदगी अप्रत्याशित है, लेकिन उसकी भू-राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं BRICS में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. |
यूएई | पश्चिम से परे अपने साझेदारों का विस्तार करते हुए, यूएई इस मंच पर अपनी आर्थिक शक्ति और कूटनीतिक संबंधों को सुदृढ़ कर रहा है. |
ईरान | ईरान की उपस्थिति रूस और चीन के साथ उसके मजबूत होते संबंधों को दर्शाती है, खासकर मध्य पूर्व में. |
सऊदी अरब | दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देशों में से एक होने के नाते, सऊदी अरब का BRICS में शामिल होना ऊर्जा और आर्थिक सहयोग के दृष्टिकोण से एक बड़ा बदलाव हो सकता है. |
मिस्र | मिस्र की भागीदारी उसकी उभरती हुई क्षेत्रीय शक्ति और नए आर्थिक गठबंधनों की खोज को दर्शाती है. |
इथियोपिया | इथियोपिया अफ्रीका की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है और वैश्विक मंच पर अधिक न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था की मांग कर रहा है. |
सम्मेलन का अजेंडा:
यह शिखर सम्मेलन केवल नेताओं का मिलन समारोह नहीं है, बल्कि वैश्विक शासन और आर्थिक ढांचों को फिर से आकार देने की सामूहिक इच्छा का प्रदर्शन भी है. आर्थिक सहयोग और वैकल्पिक भुगतान प्रणालियों जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जिससे इस आयोजन में शामिल देशों के विभिन्न हित और एजेंडे सामने आएंगे.
यह भी पढ़ें:
DA Hike 2024: मोदी सरकार ने कितना बढ़ाया DA और कब से होगा लागू? जानें
Special Trains 2024: दिवाली और छठ पूजा के लिए 28 स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, चेक करें रूट और टाइमिंग
Comments
All Comments (0)
Join the conversation