भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा आठवां मतदाता दिवस 25 जनवरी 2019 को देश भर में मनाया गया. इस महत्त्वपूर्ण दिवस का आयोजन सभी भारतवासियों को अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की याद दिलाता है और साथ ही यह भी बताता है कि हर व्यक्ति के लिए मतदान करना बहुत ज़रूरी है.
भारत में मतदान की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है. इस दिन को देश के लोकतंत्र का त्योहार भी कह सकते हैं. इस दिन वोट देने की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जश्न का दिन होता है. यह दिवस मतदाताओं में मतदान प्रक्रिया में कारगर भागीदारी के बारे में जानकारी फैलाने के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.
उद्देश्य और विषय: |
इस दिवस का उद्देश्य देश में मतदाताओं की संख्या बढ़ाना, विशेषकर नए मतदाताओं को इससे जोड़ना है. इस दिन का मुख्य उद्देश्य देश के वोटरों को उनके अधिकारों और लोकतंत्र के प्रति कर्तव्यों की याद दिलाना है. इस साल ये नौवां मतदाता दिवस है. इस बार की थीम – ‘कोई भी मतदाता पीछे नहीं छूटना चाहिए (No Voter to be Left Behind)’ रखी गई है. |
9वें मतदाता दिवस:
इस बार चुनाव आयोग 9वें मतदाता दिवस पर देश भर में छह लाख से ज्यादा जगहों पर और 10 लाख के आसपास पोलिंग स्टेशनों पर मतदाता दिवस मनाएगा. इन कार्यक्रमों में नए मतदाताओं को रजिस्ट्रेशन किया जाएगा और उनको मतदाता फोटो पहचान पत्र के लिए आवेदन दिए जाएंगे.
भारत निर्वाचन आयोग का शुरुआत:
भारत निर्वाचन आयोग का गठन 25 जनवरी 1950 को हुआ था. भारत सरकार ने राजनीतिक प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस 25 जनवरी को ही वर्ष 2011 से 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत की थी.
चुनाव आयोग का लक्ष्य:
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए नए योग्य मतदाताओं तक पहुंचने के लिए देशभर में एक विशेष अभियान चलाया गया. आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि अधिक से अधिक महिलाओं को मतदाता बनाने के लिए विशेष अभियान शुरू किए जाएं.
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के सिलसले में निर्वाचन आयोग समूचे देश में शिक्षित मतदाताओं, विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं को आकर्षित करने के लिए व्यापक और सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा और मतदान भागीदारी अभियान चलाता रहा है.
भारतीय चुनाव आयोग:
भारतीय चुनाव आयोग एक स्वायत्त एवं अर्ध-न्यायिक संस्था है. इसका गठन भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से प्रतिनिधिक संस्थानों में जन प्रतिनिधि चुनने के लिए किया गया था. आयोग में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं.
संसद के दोनों सदनों-लोकसभा और राज्य सभा के लिए चुनाव बेरोक-टोक और निष्पक्ष हों, इसके लिए एक स्वतंत्र चुनाव (निर्वाचन) आयोग बनाया गया है.
यह भी पढ़ें: देश भर में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया
Comments
All Comments (0)
Join the conversation