वैज्ञानिकों ने रक्त की एक बूंद से कैंसर का पता लगाने वाली नई परीक्षण किट का आविष्कार किया है. यह आविष्कार चीन की शिन्हवा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के शोधकर्ताओं ने किया. नए आविष्कार के बाद अब मानव रक्त की सिर्फ एक बूंद से कई प्रकार के कैंसर का पता लगाया जा सकेगा.
प्रमुख तथ्य-
- चीनी शोधकर्ताओं ने क्लिनिकल उपयोग हेतु एचएसपी 90ए प्रोटीन की एक जांच किट तैयार की है.
- इससे पहले, वैज्ञानिकों ने एक प्रकार की हीट शॉक प्रोटीन्स (एचएसपी) की पहचान की.
- हीट शॉक प्रोटीन्स (एचएसपी) का नाम एचएसपी 90ए है, जो कि मानव शरीर में मौजूद रहता है.
- हीट शॉक प्रोटीन्स (एचएसपी) को कैंसर बायोमार्कर के रुप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
- शोधकर्ता लुओ योंगझांग और उनकी टीम ने एक कृत्रिम प्रोटीन एचएसपी90ए बनाया है जिसके द्वारा प्रोटीनों का पुनर्गठन करके शरीर में संरचनात्मक स्थिरता लायी जा सकती है.
शोधकर्ताओं की रिपोर्ट-
- शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के अनुसार वे किसी भी मात्रा में प्रोटीन का निर्माण कर सकते है और वो भी, वे जब चाहे तब इस प्रक्रिया को अंजाम दे सकते हैं.
- वैज्ञानिकों द्वारा आविष्कार की गई इस जांच किट का क्लिनिकल परीक्षण किया गया जिसमें चीन के आठ अस्पतालों के 2,347 मरीज शामिल किए गए.
- इस रिपोर्ट के अनुसार जांच करने के लिए यह दुनिया का पहला क्लिनिकल परीक्षण था कि यह प्रोटीन फेफडों के कैंसर के लिए उपयोगी ट्यूमर बायोमार्कर हो सकता है.
- वैज्ञानिकों के अनुसार यह क्लिनिकल परीक्षण सफल भी रहा.
एचएसपी90ए प्रोटीन की खोज के 24 वर्षों के बाद इस किट को अब चीनी और यूरोपीय बाजार में उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रमाणित कर दिया गया.
- कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें असामान्य तरीके से कोशिकाओं की वृद्धि होती है और जो बहुत तेजी से शरीर के अन्य भागों में फैलकर पूरे शरीर को अपनी चपेट में ले लेता है. दुनियां में प्रति वर्ष कैंसर के लगभग 1.41 करोड नये मामले सामने आने के साथ ही वर्ष 2015 में, पूरे विश्व में करीब 9.05 करोड लोग कैंसर की गिरफ्त में थे.
- आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में लगभग सालाना 88 लाख लोगों की मौत कैसर की वजह से होती है जो विश्व के कुल मृत्यु दर का 15.7 प्रतिशत है.
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