भारत में वर्ष 2022 तक बाघों की आबादी बढ़कर 3167 हो गयी है, जो पिछली बार जारी किये गए आकड़े से 200 अधिक है. पीएम ने इस आकड़े पर ख़ुशी व्यक्त करते हुए इसे देश के लिए गौरव का पल बताया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की बाघ गणना के 5वें चक्र के आंकड़े जारी करते हुए ये डेटा पेश किये है. पीएम ने ये आकड़े मैसूर से जारी किये जहां वे प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मौजूद थे.
PM @narendramodi inaugurated the program ‘Commemoration of #50YearsofProjectTiger’ in Karnataka today. PM also launched International Big Cats Alliance (IBCA). He released a commemorative coin & publications about #Tigers conservation.@PMOIndia@moefcc pic.twitter.com/ogCFuotv7m
— DD News (@DDNewslive) April 9, 2023
बाघों की आबादी के क्या है आकड़ें?
वर्ष 2018 के जारी किये गए टाइगर सेंसस के तहत बाघों की संख्या 2,967 थी. पिछले चार वर्षो में भारत में बाघों की संख्या में 200 या 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.
भारत में बाघों की संख्या वर्ष 2006 में 1,411 थी, जो 2010 तक बढ़कर 1,706 हो गयी थी. वर्ष 2014 तक यह संख्या 2,226 हो गयी थी.
The numbers of the tiger census are encouraging. Congratulations to all stakeholders and environment lovers. This trend also places an added responsibility of doing even more to protect the tiger as well as other animals. This is what our culture teaches us too. pic.twitter.com/aSwyOlzE52
— Narendra Modi (@narendramodi) April 9, 2023
प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे:
प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने अवसर पर पीएम मोदी कर्नाटक के मैसूर दौरे पर थे और उन्होंने बांदीपुर टाइगर रिजर्व का दौरा भी किया.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत में न केवल बाघों को संरक्षण प्रदान किया जाता है बल्कि उनके विकास के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराया जाता है. पीएम मोदी ने बताया कि बाघ के साथ संबंध हजारों साल से हैं और इस संबंध में 10,000 साल पुराने चित्र मध्य प्रदेश की गुफाओं में मिले हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि ''प्रकृति की रक्षा करना भारतीय संस्कृति का भाग है, प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए गौरव का विषय है. आगे उन्होंने कहा कि दुनिया में बाघों की आबादी का 75% हिस्सा भारत में मौजूद है.''
प्रधानमंत्री ने बांदीपुर टाइगर रिजर्व के साथ-साथ मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकडू हाथी कैंप का भी दौरा किया. यहां का मुख्य आकर्षण हाथी रघु है, जिस पर बनी फिल्म 'द एलिफेंट व्हिसपरर्स' को इस वर्ष ऑस्कर अवार्ड मिला था.
इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस हुआ लांच:
पीएम मोदी ने इस अवसर पर 'इंटरनैशनल बिग कैट्स अलायंस (IBCA) को लांच किया. इसका उद्देश्य दुनिया की 7 प्रमुख बड़ी कैट्स (बाघ, शेर, चीता, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, और जगुआर) को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करना है. साथ ही यह एशिया में अवैध शिकार व अवैध वन्यजीव व्यापार को रोकने के लिए भी कार्य करेगा. इस पहल को सफल बनाने में उन देशों की मदद ली जाएगी जहां ये प्रजातियाँ पाई जाती है.
प्रोजेक्ट टाइगर के बारें में:
1 अप्रैल 1973 को भारत सरकार ने भारत में बाघों को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट टाइगर लांच किया था.
इसकी शुरुआत तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से की थी. वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के सेक्शन 38 L (1) के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) का गठन किया गया है.
इस प्राधिकरण के अध्यक्ष, पर्यावरण और वन मंत्रालय के प्रभारी मंत्री होते हैं. पर्यावरण और वन मंत्रालय में राज्य मंत्री इसके उपाध्यक्ष होते है.
Project Tiger leads the way in protection and conservation of the big cats. https://t.co/53B9nwsNkt
— Narendra Modi (@narendramodi) April 9, 2023
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