Russia Ukraine War: रूस की सेना (Russian army) ने यूक्रेन के चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट (Chernobyl Nuclear Plant) पर कब्जा कर लिया है. इसकी पुष्टि यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्याक ने की है. राष्ट्रपति ने कहा कि ये कहना संभव नहीं है कि रूसी सेना के हमले के बाद चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट सुरक्षित है.
रूस का दावा है उसने यूक्रेन के 70 सैन्य ठिकाने ध्वस्त कर दिए हैं तथा 50 सैनिकों को मार गिराए हैं. रूस के अनुसार उसने कीव का सैन्य एयरबेस एवं चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट भी अब अपने कब्जे में ले लिया है. आपको बता दें कि यह जगह यूक्रेन की राजधानी कीव से 108 किलोमीटर दूर है.
हादसा यहां पहले कब हुआ था?
चेर्नोबिल प्लांट में अप्रैल 1986 में चौथे रिएक्टर में खराब सुरक्षा परीक्षण के बाद एक बहुत बड़ा परमाणु हादसा हुआ था. ये हादसा सोवियत संघ के दौर में हुआ था उस वक्त इसे छिपाने की कोशिश भी की गई थी. आपको बता दें कि इस हादसे में जान गंवाने वालों का कोई सही आंकड़ा मौजूद नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस हादसे में सीधे या अप्रत्यक्ष तौर पर 90 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
यह प्लांट कहां बसा है?
आपको बता दें कि चेर्नोबिल प्लांट यूक्रेन के प्रिपयेत शहर में है. इस शहर को साल 1970 में बसाया गया था. इस शहर को अब एक मरा हुआ शहर कहते हैं जहां घर, स्कूल के कमरे, खेल के मैदान तथा अन्य स्थान उखड़ चुके हैं क्योंकि अब यहां कोई नहीं रहता. रिपोर्ट्स के अनुसार आने वाले 24 हजार सालों तक ये जगह इंसानों के रहने लायक नहीं हो सकेगा.
रुसी सेना ने यहां कब्जा क्यों किया?
रूसी सेना ने सोच समझकर चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट पर कब्जा किया है. दरअसल, रूस ने यूक्रेन को घेरने हेतु तीन तरफ से हमला किया है. बेलारूस के माध्यम कीव तक पहुंचने के लिए चेर्नोबिल सबसे छोटा रास्ता है. यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार, चेर्नोबिल पर कब्जा रूसी सेना के प्लान का हिस्सा था.
यह बेलारूस से कीव तक पहुंचने का सबसे आसान रास्ता है. अर्थात् इस रास्ते से रूस अपने लक्ष्य कीव तक जल्दी पहुंच सकता है. यानी यह कीव की तरफ बढ़ता एक कदम है. बेलारूस की सीमा से इसकी दूरी मात्र 20 किलोमीटर है.
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