उत्तराखंड सरकार संस्कृत भाषा को लोगों के बीच में जिंदा बनाए रखने के लिए 1 लाख लोगों को ट्रेनिंग देगी, जिससे संस्कृत भाषा का वजूद खत्म ना हो सके। यह कदम उत्तराखंड सरकार आम लोगों के बीच संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए कर रही है। आगे इस लेख में हम जानेंगे संस्कृत को लोगों के बीच बोलने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।
संस्कृत को लोकप्रिय बनाने की पहल:
उत्तराखंड भाषा को लोकप्रिय बनाने के पीछे का उद्देश्य संस्कृत को हिंदी के बाद राज्य की दूसरी ऑफिशियल लैंग्वेज बनाना है। इसी के साथ भाषा को रोजगार के अवसरों से जोड़ना और युवा पीढ़ी में भी इसका प्रचलन बढ़ाना राज्य सरकार का उद्देश्य है।
13 गांव आदर्श संस्कृत ग्राम घोषित
उत्तराखंड भाषा को लोगों के बीच में पॉपुलर बनाने के लिए राज्य सरकार ने सूबे के 13 गांवों को आदर्श संस्कृत ग्राम भी घोषित कर दिया है। सरकार की ओर से संस्कृत प्रशिक्षणों की भर्ती की जाएगी, जिनके जरिए लोगों को संस्कृत भाषा सिखाने पर जोर दिया जाएगा। यह प्रस्ताव सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की महासमिति की के 10वें अधिवेशन में रखा गया है। बैठक के समय सीएम ने योग, आयुष, ऋषियों और संस्कृत के साथ राज्य का लंबे संबंध का भी उल्लेख किया है।
अब स्कूलों - कॉलेजों में बोली जाएगी संस्कृत
उत्तराखंड भाषा को स्कूल और कॉलेजों में वाद - विवाद, निबंध प्रतियोगिताओं और श्लोक पाठ प्रतियोगिताएं भी आयोजित किए जाने पर भी जोर दिया जाएगा। इतना ही नहीं सरकार इस पहल को और अधिक मजबूती देने के लिए संस्कृत के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप योजना और प्रोत्साहन प्रोग्राम शुरू करने का सुझाव दिया गया है।
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