निजी क्षेत्र को मिलेगी आधी गैस
बिजली क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा
केद्र सरकार ने प्राकृतिक गैस के लिए गैस आवंटन नीति को अंतिम रूप दे दिया। इसके अंतर्गत घरेलू गैस का 42 प्रतिशत हिस्सा केद्र और राज्य सरकारों द्वारा नियंत्रित कंपनियों के लिए आरक्षित होगा। इसके अतिरिक्त विशेष आर्थिक क्षेत्रों में स्थापित एनर्जी प्लांट्स और दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोरों में प्रत्येक को 5 प्रतिशत गैस देनी होगी। शेष बची 50 प्रतिशत गैस निजी क्षेत्र को देना होगा, जिसमें से 40 प्रतिशत स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों के लिए आरक्षित होगी।
इस नीति की खास बात यह है कि किसी भी एनर्जी प्लांट को उसकी पूरी क्षमता के लिए गैस देने का आश्वासन नहीं दिया गया। नीति के अनुसार, एनर्जी प्लांट्स को उसकी 60 प्रतिशत क्षमता के लिए घरेलू गैस उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही प्लांट को गैस पाइपलाइन के निकट स्थित होना चाहिए।
प्राकृतिक गैस से पैदा की जा रही है बिजली
30 जून, 2010 तक देश की गैस आधारित विद्युत उत्पादन क्षमता 17,220.85 मेगावाट थी, जो देश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता का लगभग 10.6 प्रतिशत है। केेंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार अगले कुछ वर्र्षों में 25,000 मेगावाट गैस आधारित क्षमता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
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