रेलवे-मनरेगा गठजोड़
ग्रामीण क्षेत्र में होगा रोजगार का सृजन:
रेल मंत्रालय अब ग्रामीण विकास मंत्रालय की फ्लैगशिप योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की मदद से अपने विस्तार की योजनाओं को पूरा करेगा। इससे रेलवे की परियोजनाएं न केवल आसानी से पूरी हो जाएंगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार का भी सृजन होगा।
रेलवे को होगा बड़ा लाभ
रेलवे ने यह गठजोड़ अपने आर्थिक हितों को ध्यान में रख कर किया है। उसे आर्थिक दृष्टिकोण से काफी ज्यादा फायदा होने जा रहा है। रेलवे की कई परियोजनाएं ऐसी हैं जिनमें देरी की वजह से उनकी लागत तेजी से बढ़ती जा रही है। अप्रैल 2009 तक नेटवर्क विस्तार से संबंधित 286 परियोजनाओं को पूरा करने की लागत 80,000 करोड़ रुपये आंकी गई थी। एक अनुमान के अनुसार इन्हें पूरा करने में लगभग 9 वर्ष लग जाएगा जिससे इनकी लागत काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। ऐसे में मनरेगा की सहायता लेकर रेलवे अपनी परियोजनाएं जल्दी से जल्दी पूरा कर लेगी जिससे परियोजनाओं की लागत काबू में रहेगी।
मनरेगा को भी होगा फायदा
ऐसा नहीं है कि इस गठजोड़ से मात्र रेलवे को ही फायदा होगा। रेलवे के साथ-साथ मनरेगा का रोजगार सृजन का अपना लक्ष्य पूरा हो जाएगा। कई बार ऐसा होता है कि काम न होने की वजह से मनरेगा के अंतर्गत आने वालों को बिना काम के ही पैसे का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन अब ऐसा कम होगा।
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