हम लोग अक्सर जन्मदिन या किसी खास मौके पर आयोजित होने वाले समारोहों में रंगीन गुब्बारे की सजावट देखते हैं, जो देखने में काफी आनन्ददायी होते हैं और हमारी बचपन की यादों को ताजा कराते हैंl इन गुब्बारों को देखकर बच्चे काफी उत्साहित होते हैं और वे इसे फोड़कर काफी आनन्दित महसूस करते हैं, जिससे “पॉप” (Pop) की आवाज निकलती हैl
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क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? क्यों जब गुब्बारे में अचानक सुई चुभोया जाता है तो “पॉप” की ध्वनि पैदा होती है? जब हम चिप्स या अन्य किसी हवा भरे हुए पैकेट में सुई चुभोते हैं तो यही घटना दोहराई जाती हैl आइए इस लेख में हम इसके पीछे के कारणों को जानने की कोशिश करते हैंl
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इस घटना के पीछे का कारण गुब्बारे की प्रत्यास्था (लचीलापन) है
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गुब्बारे रबड़, लेटेक्स, नायलॉन, पॉलीक्लोरोप्रीन आदि जैसे लचीले सामग्री से बनता हैl जिसके कारण गुब्बारे में हवा भरने पर इसका लचीलापन बढ़ जाता है और यह अपने मूल आकार से बड़ा हो जाता हैl इसके अलावा, हवा भरे हुए गुब्बारे के अंदर का दबाव बाहर से अधिक होता है, जो गुब्बारे के बाहरी वायुदाब और गुब्बारे के आन्तरिक वायुदाब के बीच अंतर पैदा करता हैl
गुब्बारे में रबड़ के अणु बहुत लम्बे अणुओं अर्थात पॉलिमर से बने होते हैं, जो एक साथ जुड़े होते हैंl गुब्बारे की लोचदार/लचीलापन प्रकृति के कारण ही यह एक निश्चित सीमा तक बढ़ जाता हैl लेकिन अगर उस सीमा को पार कर लिया जाता है, तो तनाव काफी बढ़ जाता है जिसके कारण गुब्बारा फूट जाता है और “पॉप” की ध्वनि निकलती हैl असल में जब कोई हवा भरा गुब्बारा फटता है तो वह दो टुकड़ों में बंट जाता है लेकिन जब हम इसमें इतना हवा भरते हैं कि वह फट ना जाय, तो यह कई टुकड़ों में बंट जाता हैl
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जब हवा भरे गुब्बारे में सुई चुभोते हैं तो “पॉप” की ध्वनि क्यों पैदा होती है? आइए हम इसके कारणों को जानते हैंl
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जब हम किसी गुब्बारे में सुई चुभोते हैं तो उसके सतह पर एक छोटा छेद बन जाता हैl अब अगर इस गुब्बारे को धीरे-धीरे फुलाया जाता है तो इससे “पॉप” ध्वनि नहीं निकलेगी, क्योंकि इस छिद्र के द्वारा हवा धीरे धीरे बाहर निकल जाएगी और गुब्बारा अपने मूल आकार में वापस लौट आएगाl लेकिन जब किसी गुब्बारे को उसके अधिकतम आकार में फुलाया जाता है तो उसके बहुलक के अणु बहुत तनाव में होते हैं और गुब्बारे की सतह के हर बिंदु पर समान रूप से दबाब डालते हैंl उस समय जब गुब्बारे की सतह पर एक छोटा छेद किया जाता है, तो गुब्बारे का रबड़ सभी दिशाओं में समान रूप से खींचा हुआ नहीं रह पाता हैl इसके कारण कुल बल छेद से दूर हो जाता है और सतह के खींचने की वजह से छेद के आकार को बढ़ाता है, जिसके कारण “पॉप” की ध्वनि के साथ गुब्बारा फट जाता हैl
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि गुब्बारे के अंदर हवा के तेजी से विस्तार के बाद अचानक दबाव में बदलाव के कारण “पॉप” की ध्वनि निकलती है और इस पूरे घटनाक्रम में सेकेंड के कुछ ही हिस्से लगते हैंl
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