भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो के ड्रीम प्रोजेक्ट चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग का समय अब करीब आ रहा है. इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ ने बताया कि यदि सभी टेस्ट सफल रहे तो तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को 12-19 जुलाई के बीच लांच किया जा सकता है.
चंद्रयान-3, के रूप में चन्द्र मिशन की यह तीसरी लॉन्चिंग होगी. इसरो के अध्यक्ष ने कोट्टायम जिले में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही. उन्होंने इस अवसर पर बताया कि चंद्रयान पहले ही यू आर राव उपग्रह केंद्र से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा में लॉन्चिंग पैड पर पहुंच चुका है.
Chandrayaan-3 to be launched between July 12 and 19: ISRO Chairman
— ANI Digital (@ani_digital) June 13, 2023
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एलवीएम-3 रॉकेट से किया जायेगा लांच:
इसरो अध्यक्ष ने बताया कि इस चन्द्र मिशन को एलवीएम-3 रॉकेट के माध्यम से लांच किया जायेगा, जो इसरो के सबसे पॉवरफुल रॉकेटों में से एक है.
लॉन्च व्हीकल मार्क-III या LVM3, को पहले जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) एमके III के रूप में जाना जाता था. यह तीन स्टेज वाला लॉन्च व्हीकल है, जिसका निर्माण इसरो द्वारा किया गया है.
क्या नया है चंद्रयान-3 मिशन में:
चंद्रयान-3, पहले लांच किये गए चंद्रयान-2 का फॉलोऑन मिशन है लेकिन इस बार इसमें अतिरिक्त सेंसर को जोड़ा गया है. साथ ही इसमें गति को मापने के लिए एक ‘लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर’ सिस्टम इंस्टाल किया गया है.
चंद्रयान-3 मिशन के एल्गोरिदम में भी परिवर्तन किया गया है जो निर्धारित स्थान पर लैंडिंग न होने की स्थिति में चंद्रयान को किसी अन्य क्षेत्र में लैंड करवाने में मदद करेगा. साथ ही इसमें नए सॉफ्टवेयर भी जोड़ें गए है.
चंद्रयान-3 मिशन को ज्यादे फ्यूल कैपेसिटी और मजबूत लैंडिंग लेग्स के साथ डिज़ाइन किया गया है. ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए इसमें सोलर पैनल लगाए गए हैं.
चंद्रयान-3 मिशन को जानें:
चंद्रयान-3, चन्द्र मिशन का तीसरा मिशन है, चंद्रयान-3 लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन के रूप में डिज़ाइन किया गया है. इसे चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और एक रोवर के चंद्रमा की सतह पर मूव करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है.
यह मिशन इसरो के महत्वाकांक्षी मिशनों में से एक है. यह चन्द्रमा पर स्पेक्ट्रल और पोलरिमेट्रिक मापों की स्टडी करेगा, इसके लिए इसमें हैबिटेबल प्लेनेट अर्थ (SHAPE) पेलोड का एक स्पेक्ट्रोपोलरिमेट्री इंस्टाल किया गया है.
चंद्रयान -2 का फॉलोऑन मिशन:
चंद्रयान -3 भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन है और जुलाई 2019 में लांच किये गए चंद्रयान -2 का फॉलोऑन मिशन है, जिसका लक्ष्य चंद्रमा के साउथ पोल पर एक रोवर लैंड कराने का था उस समय लैंडर 'विक्रम' की हार्ड लैंडिंग हुई थी और इसरो का कांटेक्ट उससे टूट गया था.
भारत का पहला चंद्रयान मिशन:
चंद्रयान मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा लॉन्च किया गया था और यह चंद्रमा के लिए भारत का पहला मिशन था. पहले चन्द्र मिशन को 22 अक्टूबर 2008 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से PSLV C-11 द्वारा लॉन्च किया गया था. इसे 8 नवंबर 2008 को चंद्रमा की ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया था.
➡️ ISRO's infinite flight into Space!
— PIB India (@PIB_India) June 11, 2023
💠ISRO sets a global record by launching 104 satellites in a single mission
💠44 successful space missions by ISRO from 2014
💠42 launch vehicle missions successfully accomplished by ISRO since 2014#9YearsOfSeva #NewIndia… pic.twitter.com/HnGMSfXkOK
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