अमेरिका में 8 नवम्बर 2016 को राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प विजयी रहे. वे अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बनेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप (70 वर्षीय) को 276 इलेक्टॉरल वोट मिले जबकि पहली महिला राष्ट्रपति प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन (69 वर्षीय) को 218 इलेक्टॉगरल वोट मिले. राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 270 इलेक्टोरल वोटों की आवश्यकता होती है.
परिणाम के आरंभ में हिलेरी क्लिंटन ने बढ़त बनाई थी लेकिन आगे चलकर डोनाल्ड ट्रम्प के नतीजों ने मजबूती दिखाई. डोनाल्ड ट्रम्प ने ओहियो और फ्लोरिडा जैसे राज्यों में भी जीत दर्ज की जबकि हिलेरी क्लिंटन को डेलावेयर, इलिनॉयस, मैरीलैन्ड, मैशासुचेटस, न्यू जर्सी, रोड आईजलैंड और कोलंबिया में जीत प्राप्त हुई.
वर्ष 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में लोगों ने विशेष उत्साह दिखाया. इस दौरान चुनाव में लगभग 20 करोड़ लोगों ने मतदान किया. अमेरिकी चुनाव प्रणाली के 'पहले ही मतदान करने' के प्रावधान का प्रयोग करते हुए 4.2 करोड़ लोग पहले ही वोट डाल चुके हैं.
डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी 2017 को अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का व्हाइट हाउस में कार्यभार संभालेगे.
भारत और अमेरिका संबंधों पर असर
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में पूरे विश्व के लिए एक बड़ा बाज़ार मुहैया कराया है तथा विशेष रूप से अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार देखा गया है. डोनाल्ड ट्रम्प के जीतने से भारत और अमेरिका के संबंधों में प्रगाढ़ता देखने को मिल सकती है. सकारात्मक प्रभाव -
• ट्रम्प ने इमीग्रेशन के सख्त नियमों की वकालत की है लेकिन उन्होंने अपने प्रचार के दौरान भारतीय छात्रों एवं उद्यमियों को अमेरिका आने के लिए विशेष स्थान दिया है.
• डोनाल्ड ट्रम्प की चीन विरोधी नीतियों से भारत को फायदा हो सकता है.
• ट्रम्प ने अपने प्रचार अभियान के दौरान कहा कि यदि वे राष्ट्रपति बनते हैं तो वे चीन से आयात होने वाले माल पर अधिक कर लगाने की घोषणा करेंगे.
• ट्रम्प ने पाकिस्तान का भी विरोध किया है तथा पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बताया है, इसका सीधा फायदा भारत-अमेरिकी संबंधों पर पड़ सकता है.
• भारत के साथ रक्षा सौदों के लिए भी नये आयाम तय होने की संभावना है.
• आतंकवाद के खिलाफ भारत को अमेरिका का सहयोग मिल सकता है जो भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत होगी.
• भारत में अमेरिकी फर्मों का निवेश बढ़ेगा जिससे भारत की अर्थव्यवस्था तथा रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी.
नकारात्मक प्रभाव
डोनाल्ड ट्रम्प के जीतने पर भारत-अमेरिका संबंधों में कुछ नकारात्मक प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं.
• ट्रम्प द्वारा प्रचार में एच1बी वीज़ा को अवैध करार देने की रणनीति भारतीय नागरिकों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है.
• ट्रम्प द्वारा ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति से भारत के साथ होने वाले व्यापार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
• डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अमेरिकी कॉरपोरेट टैक्स रेट 35 प्रतिशत से कम करके 15 प्रतिशत करने का निर्णय भी फोर्ड, जनरल मोटर्स एवं माइक्रोसॉफ्ट जैसी कम्पनियों को फिर से अमेरिका में निर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए उत्साहित करेगा जिससे भारत से निवेश कम हो सकता है.
• विश्व भर के शेयर बाज़ारों में ट्रम्प की नीतियों के चलते गिरावट दर्ज की गयी.
अमेरिका-चीन संबंधों पर असर
चुनावों के नतीजों से अमेरिका-रूस एवं अमेरिका-चीन के संबंधों पर असर पड़ सकता है. हिलेरी एवं ट्रम्प ने इस दौरान आलोचनात्मूक प्रचार किया जिसका नतीजा आगे आने वाले समय में देशों के संबंधों पर पड़ सकता है.
डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को आर्थिक मंदी तथा वैश्विक व्यापारिक कमियों के लिए जिम्मेदार माना है जबकि हिलेरी ने चीन की परिवार नियोजन नीति, 1996 के बाद मानवाधिकार रिकॉर्ड तथा इंटरनेट की आजादी पर लगाम लगाने की तीखी आलोचना की थी.
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