प्रख्यात सांख्यिकीविदों में से एक प्रोफेसर कल्यम्पुडी राधाकृष्ण राव (Calyampudi Radhakrishna Rao) का निधन हो गया है. उन्हें सीआर राव के नाम से भी जाना जाता था. सीआर राव 102 वर्ष के थे और अमेरिका में रहते थे.
उन्होंने व्यवसाय से चिकित्सा, मानव विज्ञान से अर्थशास्त्र तक के अध्ययन के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी. उन्हें सांख्यिकी में 2023 अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस अवार्ड को इस क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के बराबर की मान्यता है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय में था अहम योगदान:
सीआर राव के कार्यो का क्षेत्र एस्टीमेशन थ्योरी, डिफरेंशियल ज्योमेट्री आदि तक फैला हुआ था. उन्होंने भारत में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय, भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई), और हैदराबाद में सीआर राव एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिक्स, स्टैटिस्टिक्स एंड कंप्यूटर साइंस (एआईएमसीएस) के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
सीआर राव की शिक्षा:
सीआर राव को बचपन से ही पढ़ाई में बहुत रूचि थी. उनकी प्रारम्भिक शिक्षा गुडूर, नुजविद, नंदीगामा और विशाखापत्तनम में संपन्न हुई थी. इसके बाद उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय से गणित विषय में एमएससी की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने 1943 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से सांख्यिकी में पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की.
सीआर राव ने वर्ष 1948 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के किंग्स कॉलेज से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी साथ ही उन्होंने 1965 में कैम्ब्रिज से डीएससी की डिग्री भी हासिल की थी.
सीआर राव का जन्म हडगली, बेल्लारी मद्रास प्रेसीडेंसी (अब कर्नाटक) में हुआ था. उनका जन्म एक तेलुगु परिवार में हुआ था. आगामी 10 सितंबर को वह 103 वर्ष के होने वाले थे. भारत सहित दुनिया ने एक प्रमुख सांख्यिकीविद को खो दिया है.
जन्म | 10 सितंबर 1920, हुविना हडगली |
नागरिकता | अमेरिकी |
निधन | 22 अगस्त 2023 |
शिक्षा | किंग्स कॉलेज, कैम्ब्रिज (1965) |
पुरस्कार | पद्म विभूषण, पद्मभूषण, सांख्यिकी का अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार (2023), एस.एस. भटनागर पुरस्कार, राष्ट्रीय विज्ञान पदक, (2001), गाइ मेडल (रजत 1965, स्वर्ण 2011) |
सीआर राव की प्रमुख उपलब्धियां:
सीआर राव को सांख्यिकी में महारथ हासिल था. उनके द्वारा किये गए कई कार्य और अनुप्रयोग स्मारकीय स्मरणीय और उल्लेखनीय है. सी. आर. राव की उपलब्धियों को सम्मान देने के लिए सी. आर. राव एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिक्स एंड स्टैटिस्टिक्स एंड कंप्यूटर साइंस की स्थापना उनके नाम से की गयी थी. उन्होंने 39 डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और 477 शोध पत्र पब्लिश किये थे. साथ ही उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी थी.
अपने सात दशकों के करियर में, राव ने लगभग 51 डॉक्टरेट छात्रों को प्रशिक्षित किया था. उनमें केआर पार्थसारथी, आर रंगा राव, वीएस वरदराजन और एसआरएस वर्धन भी शामिल है. जिन्होंने अपने काम के लिए 2007 में प्रतिष्ठित एबेल पुरस्कार जीता था.
अवार्ड और सम्मान:
भारत सरकार ने सीआर राव को वर्ष 1968 में पद्मभूषण और 2001 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. वर्ष 2002 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश उन्हें देश के सर्वोच्च पुरस्कार 'राष्ट्रीय विज्ञान पदक' से सम्मानित किया था.
उन्हें सांख्यिकी में अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस अवार्ड को इस क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के बराबर की मान्यता है.
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