आईएएस के उम्मीदवारों के लिए आईएएस बन चुके उम्मीदवारों के प्रोफाइल के बारे में जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कितने प्रयासों में वे आईएएस अधिकारी बने, यह बात आईएएस उम्मीदवार के लिए काफी प्रेरक होती है। यदि कोई उम्मीदवार अपने पहले या दूसरे प्रयास में मेधा सूची में नहीं आ पाता तो इसका यह मतलब नहीं है कि वह अपने बाकी बचे प्रयासों में आईएएस की परीक्षा में कोई रैंक नहीं ला सकता। इस लेख में आपको आईएएस परीक्षा में अव्वल आने वाले 10 में से 4 ऐसे उम्मीदवार मिलेंगे जो अपने तीसरे और चौथे प्रयास में सफल हो पाए थे। इसलिए असफल प्रयासों के बारे में चिंता करने की जरुरत नहीं है l लेकिन आप अपने अगले प्रयास में अपनी पढ़ाई के प्रति कितने निष्ठावान है, यह बेहद महत्वपूर्ण है।
जानें IAS टॉपर्स की रणनीतिटीना डाबी: दिल्ली की रहने वाली और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाली टीना ने यूपीएससी की लोक सेवा परीक्षा 2015 में प्रथम स्थान हासिल किया था। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित कॉलेज लेडी श्री राम कॉलेज में भी वे अव्वल आईं थीं और 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' का खिताब जीता था. उन्होंने जीसस एंड मैरी कॉन्वेंट से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। यहां 12वीं कक्षा में उन्होंने राजनीति विज्ञान और इतिहास में 100 फीसदी अंक अर्जित किए थे। उनके पिता नंद किशोर डाबी पिलानी में सीएसआईआर में काम करते हैं और मां हिमाली काम्बले एक योग्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं।
रैंक(CSE 2015): 01 | प्रयास : 01 |
विषय | अंक |
निबंध (पेपर 1) | 145 |
जीएस 1 (पेपर 2) | 119 |
जीएस 2 (पेपर 3) | 84 |
जीएस 3 (पेपर 4) | 111 |
जीएस 4 (पेपर 5) | 110 |
वैकल्पिक 1 (राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध ) | 128 |
वैकल्पिक 2 (राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध) | 171 |
लिखित में कुल | 868 |
व्यक्तित्व परीक्षा | 195 |
कुल अंक | 1063 |
अतहर आमिर उल शफी खान: अतहर आमिर खान, आईआईटी मंडी से स्नातक तथा जम्मू और कश्मीर राज्य से हैं l सीएसई 2015 में इन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया था । वर्ष 2014 में किए गए प्रयास में इनकी रैंक 560 थी और इन्हें आईआरटीएस में नियुक्ति मिली थी।
अतहर के पिता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अनंतनाग, जम्मू -कश्मीर में प्रवक्ता है। उनकी मां एक गृहनी है। उनके पिता उनकी विनम्रता और ईमानदारी के लिए पूरे इलाके में जाने जाते है।
रैंक (सीएसई 2015): 02 | प्रयास: 02 |
विषय | अंक |
लिखित में कुल | 825 |
व्यक्तित्व परीक्षा | 193 |
कुल अंक | 1018 |
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जसमीत सिंह संधू
बेहद विनीत परिवार से ताल्लुक रखने वाले जसमीत सिंह संधू ने अपने चौथे प्रयास में सीएसई 2015 में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। वर्ष 2014 में तीसरे स्थान में आईआरएस प्राप्त करने में सफल रहे और सहायक आयुक्त के तौर पर काम कर रहे थे। उनकी लगातार कड़ी मेहनत के प्रतिफल को सिविल लोक सेवा परीक्षाओं में उनको मिलने वाली बार – बार सफलता के रूप में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 2013 में वे पंजाब पीसीएस परीक्षा में चुने गए थे और उनकी सफलता की यात्रा यहीं से शुरु होती है।
शुरुआत से ही वे पढ़ाई में काफी अच्छे रहे हैं। 10वीं और 12वीं में उन्होंने क्रमशः 89.6% और 86.4% अंक प्राप्त किए थे और फिर वे आईआईटी रूड़की चले गए जहां उन्होंने 85.22% अंक प्राप्त किए।
रैंक (सीएसई 2015): 03 | प्रयास: 04 |
विषय | अंक |
निबंध (पेपर 1) | 139 |
जीएस 1 (पेपर 2) | 120 |
जीएस 2 (पेपर 3) | 100 |
जीएस 3 (पेपर 4) | 111 |
जीएस 4 (पेपर 5) | 109 |
वैकल्पिक 1 ( पंजाबी भाषा साहित्य) | 120 |
वैकल्पिक 2 (पंजाबी भाषा साहित्य) | 125 |
लिखित में कुल | 824 |
व्यक्तित्व परीक्षा | 190 |
कुल अंक | 1014 |
अर्तिका शुक्ला
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली से एमबीबीएस स्नातक अर्तिका ने सीएसई 2015 में चौथा स्थान प्राप्त किया। इससे पहले वे पीआईएमईआर, चंडीगढ़ में जूनियर रेजिडेंट के तौर पर काम कर रही थीं और इसी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए नामांकन करा रखा था। वे वाराणसी उत्तर प्रदेश के नराई, रोहित नगर की रहने वाली है। आईएएस की परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने कभी कोई कोचिंग क्लास नहीं ज्वाइन की और दिसंबर 2014 से पूरी ईमानदारी के साथ आईएएस परीक्षा की तैयारी शुरु कर दी थी।
रैंक ( सीएसई 2015): 04 | प्रयास: 01 |
विषय | अंक |
निबंध (पेपर 1) | 139 |
जीएस 1 (पेपर 2) | 088 |
जीएस 2 (पेपर 3) | 096 |
जीएस 3 (पेपर 4) | 112 |
जीएस 4 (पेपर 5) | 106 |
वैकल्पिक 1 (चिकित्सा विज्ञान) | 114 |
वैकल्पिक 2 (चिकित्सा विज्ञान) | 142 |
लिखित में कुल | 827 |
व्यक्तित्व परीक्षा | 173 |
कुल अंक | 1000 |
ये गलतियां आपको IAS बनने से रोक सकती हैं
शशांक त्रिपाठी
आईआईटी कानपुर के ग्रेजुएट शशांक ने सीएसई 2015 में पांचवां स्थान हासिल किया। शुरुआत से ही उनका एक मात्र लक्ष्य आईएएस बनने का था इसलिए आईआईटी कानपुर में 2013 के प्लेसमेंट सेशन में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया। वर्ष 2014 में अपने पहले प्रयास में शशांक ने 272वीं रैंक हासिल की और उन्हें भारतीय राजस्व सेवा मिली लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं थे। नागपुर में आईआरएस के प्रशिक्षण के दौरान भी आईएएस बनने का इनका सपना धूमिल नहीं पड़ा और उन्हें अपने पिता नारायण त्रिपाठी से लगातार समर्थन और प्रेरणा मिलती रही। आखिरकार 2015 में उन्होंने अपने परिवार और सभी शुभचिंतकों को गौरवान्वित किया।
रैंक (सीएसई 2015): 05 | प्रयास: 02 |
विषय | अंक |
लिखित कुल | 824 |
व्यक्तित्व परीक्षा | 172 |
कुल अंक | 996 |
भारत के 10 सर्वश्रेष्ठ IAS/IPS अधिकारी
आशीष तिवारी
एनआईटी जमशेदपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग किए आशीष ने सीएसई 2015 में छठा स्थान ( 6 रैंक ) प्राप्त किया। इन्होंने अपनी मूल और उच्च स्कूली शिक्षा मध्यप्रदेश के छत्तरपुर के सरकारी स्कूल से पूरी की थी। इससे पहले वे भारतीय तेल निगम लिमिटेड (आईओसीएल) में काम करते थे और उसी दौरान उन्हें महसूस हुआ कि यूपीएससी की परीक्षा पास करना मुश्किल नहीं है।
रैंक (सीएसई 2015): 06 | प्रयास: 01 |
विषय | अंक |
निबंध (पेपर 1) | 136 |
जीएस 1 (पेपर 2) | 112 |
जीएस 2 (पेपर 3) | 100 |
जीएस 3 (पेपर 4) | 113 |
जीएस 4 (पेपर 5) | 119 |
वैकल्पिक 1 (लोक प्रशासन) | 132 |
वैकल्पिक 2 (लोक प्रशासन) | 115 |
लिखित कुल | 827 |
व्यक्तित्व परीक्षा | 168 |
कुल अंक | 995 |
शरण्या अरी
एसआरएम यूनिवर्सिटी से आईटी में स्नातक करने वाली शरण्या ने सीएसई 2015 में सातवीं रैंक प्राप्त की। उनके पिता एम. अरिवझागन, सेवानिवृत्त वायु सेना अधिकारी, ने उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में आकर देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया और यह उनके माता– पिता का काफी पुराना सपना था। इनकी मां तमिलनाडु के पूर्वी ताम्बरम जिले में सरकारी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका हैं। उन्होंने इनके वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र की तैयारी में काफी मदद भी की थी।
रैंक (सीएसई 2015): 07 | प्रयास: 04 |
SUBJECTS | MARKS |
लिखित कुल | 818 |
व्यक्तित्व परीक्षा | 165 |
कुल अंक | 983 |
IAS उम्मीदवार से IAS अधिकारी बनने का सफर
कुंभेजकर योगेश विजय
आईआईटी मुंबई के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर कुंभेजकर ने सीएसई 2015 में आठवीं रैंक हासिल की थी। वर्ष 2014 के यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 146 वां रैंक हासिल किया था l इससे पहले वे सिटी बैंक में काम करते थे। वे महाराष्ट्र के शोलापुर जिले से हैं और उनके पिता भी बैंककर्मी हैं। जिस समय उन्हें यूपीएससी में अखिल भारतीय रैंक आठ (8) आने की खबर मिली वे आईपीएस का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। बीते 25 वर्षों में महाराष्ट्र के किसी छात्र द्वारा प्राप्त की गई यह सर्वोच्च रैंक है। उन्होंने अपने आस– पास के लोगों के साथ राज्य को भी गौरवान्वित किया है।
रैंक (सीएसई 2015): 08 | प्रयास: 03 |
विषय | अंक |
लिखित कुल | 845 |
व्यक्तित्व परीक्षा | 138 |
कुल अंक | 983 |
कर्ण सत्यार्थी
आईआईटी खड़गपुर से खान इंजीनियर बने कर्ण ने सीएसई 2015 में अपने दूसरे प्रयास में 9वीं रैंक प्राप्त की। इनके पिता बीआईटी सिंदरी में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं जबकि मां एक गृहणी हैं । उन्होंने अपने गृहनगर झारखंड राज्य के धनबाद जिले के डी नोबिली स्कूल, डिग्वाडिह से स्कूली शिक्षा पूरी की है।
रैंक (सीएसई 2015): 09 | प्रयास: 02 |
विषय | अंक |
लिखित कुल | 776 |
व्यक्तित्व परीक्षा | 206 |
कुल अंक | 982 |
आईएएस बनने के लिए सबसे अच्छा स्नातक कोर्स
अनुपम शुक्ला
दिल्ली विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में स्नातक करने वाले अनुपम ने सीएसई 2015 में दसवां स्थान प्राप्त किया। इससे पहले 2013 में उन्होंने आईएफएस पास की थी और लखनऊ, उत्तर प्रदेश में बतौर सहायक वन– संरक्षक काम कर रहे थे। पढ़ाई में वे शुरु से ही अच्छा करते आए थे। देहरादून में वन सेवा प्रशिक्षण के दौरान वानिकी एवं पर्यावरण में एमएससी की डिग्री भी विशेष योग्यता के साथ पूरी की थी। ये बिहार राज्य की राजधानी पटना से ताल्लुक रखते हैं। इन्होंने एजी मिशन स्कूल, बेतिया (प. चंपारण), डीएवी पब्लिक स्कूल मुजफ्फरपुर और 12वीं केंद्रीय विद्यालय, बेली रोड, पटना से पूरी की है।
रैंक (सीएसई 2015): 10 | प्रयास: 03 |
विषय | अंक |
लिखित कुल | 798 |
व्यक्तित्व परीक्षा | 182 |
कुल अंक | 980 |
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