कॉमर्शियल फाइन आर्ट्स के क्षेत्र में स्कल्प पेंटिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, सिरैमिक डिजाइनिंग, पॉटरी डिजाइनिंग, वेब डिजाइनिंग, एनिमेशन आदि क्षेत्र शामिल हैं। आप चाहें, तो किसी एक क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं।
स्किल्स
इस क्षेत्र में आने के लिए संवेदनशीलता, कल्पनाशीलता एवं किसी चीज को बारीकी से देखने की समझ होनी चाहिए। लंबे समय तक एकाग्रचित्त होकर काम करने की क्षमता भी होनी चाहिए। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि अपनी कला और रचनाशीलता का प्रयोग बेहतर ढंग से आना चाहिए। इंटीग्रेड मैनेजमेंट कॉलेज के प्रोफेसर जयंत चंद्र बताते हैं, इस क्षेत्र में कदम रखने वाले छात्रों में कुछ हटकर सोचने की क्षमता होनी बहुत जरूरी है। यह उनके विकास के लिए जरूरी है। आपकी क्रिएशन ऐसी होनी चाहिए, जो लोगों को प्रभावित करे।
योग्यता व कोर्स
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपको 12वीं पास होना जरूरी है। अगर आप 10वीं के बाद ही इस क्षेत्र में करियर बनाने का मन बना चुके हैं, तो आपको पांच वर्षीय बीएफए कोर्स में दाखिला लेना होगा। इसके अतिरिक्त आप बीएफए के बाद एमएफए कर सकते हैं।
वैसे, देश के कुछ संस्थान कॉमर्शियल फाइन आर्ट्स के क्षेत्र में डिप्लोमा व डिग्री कोर्स भी कराते हैं। कॉमर्शियल फाइन आर्ट्स के कोर्स में दाखिला लेने के लिए मौखिक टेस्ट देना पडता है। इस टेस्ट का उद्देश्य छात्र का एप्टीट्यूड टेस्ट करना होता है।
संभावना
इस क्षेत्र में नौकरी की अपार संभावनाएं है। प्रोफेशनल कोर्स कर लेने के बाद छात्रों को आर्ट स्टूडियो, एडवरटाइजिंग कंपनी, फैशन हाउस, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, पब्लिशिंग इंडस्ट्री, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, मल्टीमीडिया जैसे अनेक क्षेत्रों में अच्छी नौकरी मिल सकती हैं। फ्रीलांसर की तरह भी काम कर सकते हैं।
इसके अलावा आप बतौर क्रिएटिव डायरेक्टर, आर्ट डायरेक्टर और एनीमेशन डिजाइनर के रूप में भी काम कर सकते हैं। कॉमर्शियल फाइन आर्ट्स का कोर्स करने के बाद आर्टिस्ट स्टैम्प और अन्य दूसरे सरकारी संस्थानों के लेटर हेड भी डिजाइन कर सकते हैं। एक आर्टिस्ट, जिसने कॉमर्शियल फाइन आर्ट्स में स्पेशलाइजेशन किया हो, वह आसानी से बिलबोर्ड, सिनेमा स्लाइड, टेक्निकल कैटलॉग, विंडो स्लाइड आदि आराम से बना सकता है।
विदेश में संभावनाएं
प्रोफेसर जयंत चंद्र बताते हैं कि कॉमर्शियल फाइन आर्ट्स का कोर्स कर चुके छात्रों के लिए सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी ढेरों संभावनाएं मौजूद हैं। छात्र वहां भी बतौर फ्रीलांसर काम कर सकते हैं या पोट्रेट डिजाइन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त विदेशों में अपनी कला का प्रदर्शन (ऑक्शन) करना भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। वैसे फ्रांस, इटली व जर्मनी जैसे देशों में कॉमर्शियल फाइन आर्ट्स का कोर्स कर चुके छात्रों की काफी डिमांड है।
कितनी कमाई
इस क्षेत्र में कमाई आपके काम पर निर्भर करती है। वैसे, प्रारंभिक दौर में छात्र 10,000 से 15,000 रुपये प्रतिमाह आसानी से कमा लेते हैं। बाद में यह राशि आपके अनुभव के आधार पर बढती जाती है।
प्रमुख संस्थान
कॉलेज ऑफ आर्ट्स, दिल्ली
इंटीग्रेड मैनेजमेंट कॉलेज, दिल्ली
श्री जेजे इंस्टीट्यूट ऑफ अप्लाइड आर्ट्स, मुंबई
फिनीस अकादमी, तिलक नगर, कानपुर
फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट्स एमएस यूनिवर्सिटी, बडौदा
जेडसीए अकादमी, आर्यनगर, कानपुर
कला भवन विश्व भारती, शांति निकेतन, पश्चिम बंगाल
अरिना मल्टी मीडिया, आर्यनगर कानपुर
फ्रेम बॉक्स, आर्यनगर, कानपुर
मिताली
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