IBPS RRB Office Assistant की परीक्षा अगस्त के महीने में आयोजित की जाएगी जबकि IBPS Clerk की परीक्षा साल के अंत में आयोजित की जाएगी। आप में से ज्यादातर लोगों ने इन सभी पदों के लिए आवेदन किया होगा और पूरी तैयारी के साथ इन परीक्षाओं में शामिल होंगे. परीक्षा के परिणाम के बाद आप में से ज्यादातर के पास एक से अधिक नौकरियो के विकल्प होंगे और उस स्थिति में आपको यह फैसला लेना होगा कि आपको कौन सी नौकरी ज्वाइन करनी है. इस लेख में, हम IBPS RRB Office Assistant और IBPS Clerk जॉब्स के बीच एक तुलना करेंगे, जिससे आपको भविष्य में फैसला लेने में कठिनाई ना हो.
जॉब प्रोफाइल और वेतन के मामले में IBPS RRB Office Assistant और IBPS Clerk की नौकरी लगभग एक जैसी ही है लेकिन करिअर में प्रगति और प्रोमोशन के मामले में दोनों में अंतर है. यहाँ हम भविष्य में इन नौकरियों से आपको क्या लाभ मिल सकता है, के बारे में जानने का प्रयास करेंगे–
पद
किसी नौकरी के बारे में पहली महत्वपूर्ण बात होती है पद और दोनों ही नौकरियों में आपको एक जैसा ही पद मिलेगा. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में आपको ऑफिस असिस्टेंट का पद मिलेगा जबकि शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक में इस पद नाम का क्लर्क हो जाएगा. यहां आप सिंगल विंडो ऑपरेटर या असिस्टेंट के नाम से भी जाने जा सकते हैं.
नौकरियों में जॉब प्रोफाइल
दोनों ही नौकरियों की जॉब प्रोफाइल लगभग एक जैसी है. दोनों ही नौकरियों में आप फ्रंट डेस्क जॉब करेंगें और आपका मुख्य काम आपकी शाखा के खाता धारकों के साथ बातचीत करना होगा तथा उनकी आवश्यकतानुसार कार्य करना होगा. आपको पासबुक को अपडेट करना, कैश काउंटर पर बैठना, कैश और पेमेंट रिसिप्ट की प्रविष्टि करना, खाता खोलना, फिक्स्ड डिपॉडिट खातों को खोलना आदि जैसे काम करने होंगे. दोनों ही नौकरियां आपसे एक जैसे ही काम की मांग करेंगी.
तनाव
शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों में तनाव अधिक होगा जबकि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) में यह तुलनात्मक रूप से कम होगा. शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों में आपको अतिरिक्त काम भी करने पड़ सकते हैं जबकि RRB में आपके नियमित काम के अलावा करने को बहुत कम काम होता है.
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काम के घंटे
ज्यादातर बैंकों में क्लर्कियल स्टाफ काम के नियमित घंटों के बाद कार्यालय से चले जाते हैं लेकिन शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों में विशेष परिस्थितियो में आपको ओवरटाइम भी करना पड़ सकता है और यही बात क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर भी लागू होती है क्योंकि दोनों ही संगठनों में आपको स्थिति के अनुसार काम करना होता है.
करिअर में प्रगति
करिअर में प्रगति के मामले में, शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक में आपको अधिक अच्छे अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में यह बहुत धीमा होता है. शेड्यूल्ड कमर्शिलय बैंक के मामले में, यदि आप हर बार समय से प्रोमोशन लेते हैं तो 15 वर्षों में आप स्केल– V के स्तर पर पहुंच सकते हैं लेकिन RRB के मामले में ऐसा संभव नहीं है.
नौकरी में सीखने के अवसर
IBPS Clerk के मामले में आपको सीखने के बहुत अवसर मिलते है क्योंकि शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक सामान्य बैंकिंग लेनदेन के साथ– साथ कई अन्य विभागों जैसे कॉरपोरेट फाइनेंस, विदेशी मुद्रा प्रबंधन, डिजिटल बैंकिंग आदि का भी काम करते हैं जबकि RRB में आपको सीखने के बहुत सीमित अवसर मिलेंगे क्योंकि दिए गए निर्देशो के अनुसार इस नौकरी का दायरा बहुत सीमित होता है.
पोस्टिंग
दोनों ही नौकरियों के मामले में, आपको अपने गृह राज्य में पोस्टिंग मिलती है लेकिन पब्लिक सेक्टर बैंकों के मामले में, शाखाओं की संख्या अधिक होने के कारण आपको आपके घर के पास पोस्टिंग मिले ऐसा नहीं भी हो सकता है लेकिन आपको आपके गृह जिले से कुछ दूर पोस्टिंग मिल सकती है.
IBPS RRB Office Assistant और IBPS Clerk की नौकरी जॉब प्रोफाइल और वेतन के मामले में एक जैसी ही हैं. आपको भविष्य की संभावनाओं के आधार पर अपना विकल्प चुनना है तो RRB के मुकाबले पब्लिक सेक्टर बैंकों की नौकरी अच्छा विकल्प साबित होगा. यदि आप बैंकिंग के फील्ड ही अपना करियर बनाना चाहते हैं तो RRB आपका विकल्प नहीं है यदि आप स्टॉप– गैप अरेंजमेंट के रूप में नौकरी चाहते हैं अर्थात् नौकरी के साथ आगे पढाई करना चाहते है या किसी अन्य डोमेन में अपना करियर बनाना चाहते है तो RRB का विकल्प चुनें. शुरुआत से ही अपनी प्राथमिकताएं तय करें और समझदारी से विकल्पों का चुनाव करें. मेहनत से पढ़ें और अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
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