खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 5 नवम्बर 2011 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान कम होकर 10.63 प्रतिशत हो गई जो 29 अक्टूबर 2011 को समाप्त हुए सप्ताह में 11.81 प्रतिशत थी. यह आंकड़े वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा 17 नवंबर 2011 को जारी किए गए.
मुद्रास्फीति में यह कमी प्याज और गेहूं को छोड़कर शेष कृषि उत्पादों के दाम वार्षिक आधार पर बढ़ने के बावजूद आई है. वर्ष 2010 इसी अवधि में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 11.41 प्रतिशत थी. प्याज के दाम वार्षिक आधार 22.89 प्रतिशत कम हुए, जबकि गेहूं के मूल्यों में 3.63 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन सब्जियां 27.26 प्रतिशत महंगी हुई.
दालों के दाम 14.44 प्रतिशत, दूध के 10.74 प्रतिशत तथा अंडे, मांस और मछली के दाम 11.73 प्रतिशत बढ़े. फल 5.99 प्रतिशत महंगे हुए और मोटे अनाज के दामों में 3.53 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि अगर खाद्य पदार्थो के दाम गिरने जारी रहे तो मुद्रास्फीति में कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है. खाद्य मुद्रास्फीति में एक प्रतिशत की कमी एक अच्छा संकेत है. खाद्य पदार्थों के दाम कम हुए हैं लेकिन ईंधन और अन्य वस्तुओं के दाम बढ़े हैं.
वित्तीय सुधारों का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में कौशल और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है, ताकि हम संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकें.
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