सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पूर्वी लद्दाख में उमलिंगला दर्रे के पास 19,300 फुट से अधिक की ऊंचाई पर मोटर वाहन चलने योग्य सड़क का निर्माण कर विश्व में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. उमलिंगला दर्रे से होकर गुजरने वाली 52 किलोमीटर लंबी यह सड़क तारकोल से बनाई गई है और इसने बोलीविया की सबसे ऊंची सड़क के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.
सड़क निर्माण करने वाली इस एजेंसी ने इस हफ्ते की शुरुआत में यह उपलब्धि हासिल की है. बीआरओ को भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ सबसे दुर्गम इलाकों में सड़कें बनाने में विशेषज्ञता हासिल है. इस सड़क का निर्माण कर बीआरओ ने ऊँचाई पर स्थित सड़कों के निर्माण में कीर्तिमान स्थापित किया है.
पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा
उमलिंग ला दर्रा ने अब बोलीविया में स्थित 18,953 फीट के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बोलीविया में पिछली सबसे ऊंची सड़क उटुरुंकु नामक ज्वालामुखी से जुड़ती है.
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi के नेतृत्व में भारत ने स्थापित किया एक और कीर्तिमान।
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) August 8, 2021
सीमा सड़क संगठन (BRO) ने लद्दाख में 19,300 फीट की ऊंचाई पर विश्व की सबसे ऊंची मोटर वाहन चलने योग्य सड़क का निर्माण किया। pic.twitter.com/YOfMiDwL7a
दुनिया की सबसे ऊंची सड़क
दुनिया की सबसे ऊंची सड़क जिस पर मोटर वाहन चलाए जा सकते हैं, अब पूर्वी लद्दाख में उमलिंग ला दर्रे पर 19,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस ऊंचे पहाड़ी दर्रे से होते हुए बीआरओ ने 52 किलोमीटर लंबी पक्की सड़क बनाई है. उमलिंग ला दर्रे की सड़क अब पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है.
लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा
रक्षा मंत्रालय की ओर से 04 अगस्त 2021 को जारी एक बयान में कहा गया कि यह स्थानीय आबादी के लिए वरदान साबित होगा क्योंकि यह लेह से चिसुमले और डेमचोक को जोड़ने वाला एक वैकल्पिक सीधा रास्ता बन गया है. यह सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा और लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देगा.
𝗠𝗶𝗹𝗲𝘀 𝘁𝗼 𝗴𝗼 𝗯𝗲𝗳𝗼𝗿𝗲 𝗜 𝘀𝗹𝗲𝗲𝗽
— 𝑩𝒐𝒓𝒅𝒆𝒓 𝑹𝒐𝒂𝒅𝒔 𝑶𝒓𝒈𝒂𝒏𝒊𝒔𝒂𝒕𝒊𝒐𝒏 (@BROindia) August 2, 2021
..And we reached the last milestone over the Mighty Umling La Pass by constructing the World's Highest motorable road.
The National Flag unfurls with Pride and Elan, telling the world - 🇮🇳 सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान हमारा 🇮🇳 pic.twitter.com/OQyNFmUo3S
ड्राइवरों के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण
उमलिंग ला दर्रा मशहूर खारदुंग ला दर्रे की तुलना में ड्राइवरों के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस दर्रे का तापमान भीषण सर्दियों के मौसम में माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है. साथ ही, इस ऊंचाई पर ऑक्सीजन का स्तर सामान्य स्थानों की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत कम है. इससे किसी के लिए भी यहां ज्यादा समय तक रहना बहुत मुश्किल हो जाता है.
सड़क का निर्माण
इस सड़क का निर्माण माउंट एवरेस्ट के आधार शिविरों से भी ऊंचे स्थान पर किया गया है. माउंट एवरेस्ट का नेपाल स्थित साउथ बेस कैंप 17,598 फीट पर है जबकि तिब्बत स्थित नॉर्थ बेस कैंप 16,900 फीट की ऊंचाई पर है. इसके अतिरिक्त जिस ऊंचाई पर इस सड़क का निर्माण किया गया है वह सियाचीन ग्लेशियर से काफी ऊंचा है. सियाचीन ग्लेशियर की ऊंचाई 17,700 फीट है. लेह में खर्दुंग ला पास भी इस सड़क के निर्माण स्थल से कम 17,582 फीट की ऊंचाई पर है.
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ): एक नजर में
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क मार्ग के निर्माण एवं व्यवस्थापन का कार्य करता है. सीमावर्ती क्षेत्रों में पहाड़ी इलाके होने से भूमिस्खलन तथा चट्टानों के गिरते-टूटते रहने से सड़कें टूटती रहती हैं. इनको सुचारु बनाये रखने के लिये संगठन को पूरे वर्ष कार्यरत रहना पड़ता है.
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