ब्राउन ड्वार्फ पर बृहस्पति ग्रह जैसे क्लाउड बैंड्स दिखे

May 8, 2020, 16:15 IST

ब्राउन ड्वार्फ्स वे आकाशीय पिंड होते हैं जो तारों की तुलना में हल्के होते हैं लेकिन ग्रहों की तुलना में भारी होते हैं. आमतौर पर ये बृहस्पति के द्रव्यमान का 13 से 80 गुना अधिक बड़े हैं.

Brown dwarf shows Jupiter like cloud bands in Hindi
Brown dwarf shows Jupiter like cloud bands in Hindi

खगोलविदों (अस्ट्रोनोमर्स) की टीम ने हाल ही में पता लगाया है कि सबसे करीब का लुहमन 16 ए नामक भूरे रंग का बौना (ब्राउन ड्वार्फ), बादलों के समूह (क्लाउड बैंड्स) के लक्षण दिखा रहा है. ये शनि और बृहस्पति ग्रह पर देखे गए बादलों के समान हैं.

पोलियोमीट्री (ध्रुवनमापन) की तकनीक का उपयोग पहली बार वैज्ञानिकों ने वायुमंडलीय बादलों के गुणों को निर्धारित करने के लिए किया है जो एक्सो-क्लाउड्स या सौर मंडल के बाहर हैं.

ब्राउन ड्वार्फ्स वे आकाशीय पिंड होते हैं जो तारों की तुलना में हल्के होते हैं लेकिन ग्रहों की तुलना में भारी होते हैं. आमतौर पर ये बृहस्पति के द्रव्यमान का 13 से 80 गुना अधिक बड़े हैं.

लुहमन 16: महत्वपूर्ण विवरण

लुहमन 16 ए द्विआधारी प्रणाली का एक हिस्सा रहा है जिसमें एक दूसरा ब्राउन ड्वार्फ अर्थात लुहमन 16 बी भी शामिल है. अल्फा सेंटौरी और बरनार्ड स्टार के बाद, यह 6.5 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हमारे सूरज का तीसरा निकटतम पिंड (सिस्टम) है.

समान द्रव्यमान और तापमान होने और संभवतः एक ही समय में बनने के बावजूद, लुहमन 16 ए और 16 बी ने अलग-अलग मौसम दिखाए हैं. लुहमन 16 बी ने, अधिक अनियमित और विचित्र बादलों के सबूत प्रदर्शित करने के बजाय, स्टेशनरी क्लाउड बैंड के कोई संकेत नहीं दिखाए हैं. इसलिए, लुहमन 16 ए के विपरीत, इसकी बादल वाली विशेषताओं के कारण इसमें चमक संबंधी अधिक ध्यान देने योग्य विविधताएं हैं.

खोज दल के एक सदस्य जूलियन गिरार्ड ने कहा कि, पृथ्वी और शुक्र की तरह वे जुड़वां हैं, लेकिन उनका मौसम बहुत अलग है. उन्होंने आगे कहा कि यह सिलिकेट्स और अमोनिया जैसी चीजों की बारिश कर सकता है, जिससे बहुत भयानक मौसम बन सकता है.

क्लाउड बैंड्स की खोज कैसे की गई?

लुहमन 16 प्रणाली से ध्रुवीकृत प्रकाश का अध्ययन करने के लिए, शोधकर्ताओं ने चिली में बहुत बड़े टेलीस्कोप पर एक उपकरण का उपयोग किया.

ध्रुवीकरण मूल रूप से प्रकाश का एक गुणधर्म है जो उस दिशा का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें प्रकाश की किरण दोलन करती है. चकाचौंध को कम करने और विषमता में सुधार करने के लिए, ध्रुवीकरण वाले कांच ध्रुवीकरण की एक दिशा को रोकते हैं. मुख्य लेखक मैक्स मिलर- ब्लांचर के अनुसार, उस चकाचौंध को रोकने के बजाय, हम इसे मापने की कोशिश कर रहे हैं.

बादल की बूंदों की तरह जब प्रकाश कणों से परावर्तित होता है, तो यह ध्रुवीकरण में एक निश्चित कोण बना सकता है. किसी दूर के निकाय (सिस्टम) से प्रकाश के विशेष ध्रुवीकरण को मापकर, खगोलविद आसानी से ब्राउन ड्वार्फ की बादल संरचना को सीधे तौर विभक्त किए बिना बादलों की उपस्थिति का आसानी से अनुमान लगा सकते हैं. कई प्रकाश वर्षों की दूरी से भी ध्रुवीकरण का उपयोग, यह निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है कि, प्रकाश ने अपने मार्ग में किस अवरोध का सामना किया था.

अवलोकन का परिणाम:

यह निर्धारित करने के लिए कि, प्रकाश ने अपने मार्ग में किस अवरोध का सामना किया था, विभिन्न गुणों वाले मॉडल्स के खिलाफ अवलोकन के परिणामों के बीच तुलना थी - धारीदार क्लाउड बैंड्स, सॉलिड  क्लाउड डेक्स (ठोस बादल तल) के साथ ब्राउन ड्वार्फ का वायुमंडल, और यहां तक ​​कि वे ब्राउन ड्वार्फ्स भी, जो अपने तेज़ आवर्तन (रोटेशन) की वजह से सपाट हो गए हैं. इस अवलोकन में यह पाया गया कि क्लाउड बैंड के साथ केवल वायुमंडल के मॉडल लुहमन 16 ए की अवलोकन टिप्पणियों से मेल खाते थे.

यह पोलिमेट्री तकनीक केवल ब्राउन ड्वार्फ्स तक ही सीमित नहीं है. यह तकनीक दूर के तारों की परिक्रमा करने वाले एक्सो-प्लैनेट (सौर-मंडल से बहर के ग्रहों) पर भी आजमाई जा सकती है.

अध्ययन की कुछ अनिवार्य विशेषताएं:

• जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप, नासा की अभी आने वाली दूरबीन लुहमन 16 जैसे पिंडों का अध्ययन करने में सक्षम होगी ताकि अवरक्त प्रकाश (इन्फ्रारेड लाइट) में चमक भिन्नता के उन संकेतों की तलाश की जा सके जोकि क्लाउड विशेषताओं का संकेत दे रहे हैं.

• नासा का वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे टेलीस्कोप (WFIRST) कोरोनॉग्रफी इंस्ट्रूमेंट से लैस होगा, जो ध्रुवनमापन में सक्षम होगा.

• इस अध्ययन को द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए मंजूर किया गया है.

• स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट (STScl) जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के लिए साइंस ऑपरेशन सेंटर, हबल स्पेस टेलीस्कोप के साइंस ऑपरेशन सेंटर, और फ्यूचर वाइड फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे टेलीस्कोप (WFIRST). के लिए साइंस ऑपरेशन सेंटर की व्यवस्था करके अंतरिक्ष खगोल विज्ञान की सीमाओं का विस्तार कर रहा है. 

• STScl ने स्पेस टेलीस्कोप के लिए मिकुलस्की आर्काइव (MAST) की भी व्यवस्था की है. यह नासा द्वारा वित्त पोषित परियोजना है जो खगोलीय समुदाय को विभिन्न खगोलीय डाटा अभिलेख प्रदान करेगी. यह वेब, हबल, K2, केप्लर, टेस मिशन और अन्य कई वैज्ञानिक संस्थानों के लिए डाटा कोष भी है.

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