केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 30 अगस्त 2017 को वस्तु एवं सेवाकर (राज्यों को मुआवजा) अध्यादेश 2017 को मंजूरी प्रदान की. अधिनियम 2017 में उपयुक्त संशोधन करने हेतु एक अध्यादेश लाने के लिए वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान की. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
इस अनुमोदिन से उस अधिकतम दर की वृद्धि की अनुमति होगी, जिस पर मुआवजा उपकर को 15 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक लगाया जा सकेगा.
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद ने अगस्त 2017 में सम्पन्न अपनी बैठक में इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि जीएसटी लागू होने के उपरान्त कुल मोटर वाहनों (जीएसटी+मुआवजा उपकर) जीएसटी पूर्व कुल कर की तुलना में कम हो गया है. शीर्ष 8702 तथा 8703 के अन्तर्गत मोटर वाहनों पर लगाये जाने वाली अधिकतम दर में 15 से 25 प्रतिशत की वृद्धि करने की सिफारिश की थी. यह नियम केवल वाहनों पर ही नहीं बल्कि तम्बाकू उत्पादों और कोयले पर भी लागू होगा.
मोटर वाहनों पर मुआवजा उपकर की प्रभावी दर में वृद्धि की जांच जीएसटी परिषद द्वारा यथासमय की जाएगी.
मुआवजा उपकर:
मुआवजा उपकर वह कर है जिसके माध्यम से जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले राजस्व घाटे को केन्द्र सरकार पूरा करेगी.
जीएसटी:
जीएसटी पूरे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत को एकीकृत साझा बाजार बना देगा. जीएसटी का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एंव सेवा कर) है. जीएसटी वह वैट है जिसमे वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर ही लागू किया गया. यह केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लिए जा रहे 15 से अधिक इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में लगाया जा रहा है.
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