नवीनतम जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन के केयर्न एनर्जी पीएलसी ने 01.7 बिलियन अमरीकी डालर के मध्यस्थता पुरस्कार के एक हिस्से की वसूली के लिए फ्रांस में भारत सरकार की लगभग 20 संपत्तियों को जब्त करने के लिए एक फ्रांसीसी न्यायालय का आदेश हासिल किया है.
11 जून को फ्रांसीसी कोर्ट ने केयर्न एनर्जी को भारत सरकार की संपत्तियों का अधिग्रहण करने का आदेश दिया, जिनमें ज्यादातर फ्लैट शामिल थे. यह कानूनी प्रक्रिया 07 जुलाई, 2021 की शाम को पूरी हो गई.
केयर्न एनर्जी और भारत सरकार के बीच क्या विवाद है?
भारत सरकार और केयर्न एनर्जी के बीच यह विवाद पूर्वव्यापी कराधान के बहुचर्चित मुद्दे के कारण उत्पन्न हुआ है.
15 साल पहले अर्थात वर्ष, 2006-2007 में, केयर्न यूके ने आंतरिक पुनर्व्यवस्था प्रक्रिया के एक हिस्से के तौर पर, केयर्न इंडिया होल्डिंग्स के शेयरों को केयर्न इंडिया को स्थानांतरित कर दिया था. आयकर अधिकारियों ने इस प्रकार निर्णय लिया था कि, चूंकि केयर्न यूके ने पूंजीगत लाभ अर्जित किया है, इसलिए उसे 24,500 करोड़ रुपये तक के पूंजीगत लाभ कर का भुगतान करना होगा.
केयर्न एनर्जी द्वारा जीता गया मध्यस्थता पुरस्कार
भारत का पूर्वव्यापी कर वर्ष, 2012 में पेश किया गया था जिसके माध्यम से, ऐसी कोई विदेशी इकाई, जिसकी संपत्ति भारत में है, उसके शेयरों के हस्तांतरण के परिणामस्वरूप अगर कोई पूंजीगत लाभ हुआ है तो, ऐसी संपत्ति वर्ष, 1962 से कर योग्य थी.
दिसंबर, 2020 में एक तीन-सदस्यीय अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने एक फैसले पर अपना यह फैसला सुनाया था कि, भारत सरकार निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यवहार की गारंटी का उल्लंघन कर रही है जो भारत-यूके द्विपक्षीय संधि के खिलाफ था, और यह फैसला भी कि, इस उल्लंघन के कारण, ब्रिटेन की उक्त ऊर्जा कंपनी को नुकसान हुआ है.
इस ट्रिब्यूनल ने ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी कंपनी को 01.2 बिलियन डॉलर का मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया, जिसका भुगतान भारत को करना था.
केयर्न एनर्जी एयर इंडिया पर मुकदमा क्यों कर रही है?
इस कंपनी ने यह तर्क दिया है कि, एयर इंडिया भारत का परिवर्तित अहंकार है और इसे भारत के ऋणों के लिए संयुक्त रूप से और गंभीर रूप से जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, जिसमें इस निर्णय से उत्पन्न होने वाले ऋण भी शामिल हैं.
विभिन्न न्यायालयों में प्रस्तुत चुनौतियां
चूंकि हेग में केयर्न एनर्जी के पक्ष में 01.2 बिलियन डॉलर का यह मध्यस्थता निर्णय दिया गया था, इसलिए भारत ने नीदरलैंड में अपील की थी.
दूसरी ओर, केयर्न एनर्जी ने भारत पर मुकदमा चलाने के लिए न्यूयॉर्क को चुना है क्योंकि, उस अधिकार क्षेत्र में भारत की पर्याप्त संपत्ति है जिससे कि वह अपने मुआवजे की वसूली कर सके. एयर इंडिया के संयुक्त राज्य अमेरिका में संचालन के लिए, विशेष रूप से, न्यूयॉर्क जिले में मुख्यालय हैं.
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