केंद्र सरकार ने 1050 मेगावाट पवन ऊर्जा हेतु ऊर्जा खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. बिजली, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने प्रथम विंड ऑक्शन योजना के तहत ऊर्जा खरीद समझौतों (पीपीए) पर हस्ताक्षर होने वाले कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
प्रमुख तथ्य-
समझौतों पर कारोबारी कंपनी पीटीसी इंडिया लिमिटेड और सफल पवन ऊर्जा डेवलपर्स के मध्य हस्ताक्षर किए गए. समझौतों के अनुसार माईत्रह एनर्जी, इनॉक्स विंड और ऑस्ट्रो कच्छ विंड प्राइवेट लिमिटेड में से प्रत्येक 250 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा की आपूर्ति करेंगे.
इसके अलावा ग्रीन इन्फ्रा 249.9 मेगावाट और अडानी ग्रीन एनर्जी 50 मेगावाट अन्तर्राज्यीय पारेषण प्रणाली के जरिये पवन ऊर्जा उपलब्ध कराएंगे. समझौते खुली और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के जरिये किये गये.
पीटीसी इंडिया ने कई राज्यों के डिस्कॉम के साथ पवन ऊर्जा की बिक्री हेतु समझौता किया है. समझौते के तहत उत्तर प्रदेश को 449.9 मेगावाट, बिहार 200 मेगावाट, झारखंड 200 मेगावाट, दिल्ली 100 मेगावाट, असम 50 मेगावाट और ओडिशा को 50 मेगावाट बिजली प्राप्त होगी.
राज्यों को नवीकरणीय ऊर्जा चयन की स्वतंत्रता-
राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया कि विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों हेतु नवीकरणीय ऊर्जा खरीद शर्तों को अलग-अलग लागू किया जाए. उन्होंने राज्यों की ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्वयं नवीकरणीय ऊर्जा का चयन करने की सिफारिश की.
प्रति माह नीलामी-
राज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार पवन ऊर्जा संबंधी बोली प्रक्रिया हर महीने की जाए. जिससे नवीकरणीय ऊर्जा को सस्ती दरों पर आम आदमी तक पहुंचाया जा सके.
पारेषण शुल्क समाप्त-
ऊर्जा मंत्रालय ने अंतर्राज्यीय पारेषण शुल्क को समाप्त कर दिया है, यह शुल्क पवन ऊर्जा वाले राज्यों से गैर-पवन ऊर्जा वाले राज्यों को नवीकरणीय ऊर्जा के हस्तांतरण पर लगाया जाता था.
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