चंद्रयान-2 के अंतिम चरण में भारत के मून लैंडर विक्रम से उस समय संपर्क टूट गया था जब वह चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था. इसरो के अनुसार, रात 1:37 बजे लैंडर की चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. लेकिन लगभग 2.1 किमी ऊपर संपर्क टूट गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबंधित घटनाक्रम के मद्देनजर राष्ट्र को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की चंद्रयान-2 का चांद पर उतरने से ठीक पहले संपर्क टूट गया और वैज्ञानिक परेशान हो उठे. देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है. आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए, उसकी जय के लिए जीते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की हम चांद के बहुत करीब तक पहुंचे, लेकिन चंद्रमा की सतह को छूने से सिर्फ एक कदम दूर रह गए. हम अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर बहुत ही गर्व करते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की हमारे वैज्ञानिकों के संकल्प तथा हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत ने न केवल हमारे नागरिकों के अच्छे जीवन हेतु काम किया है बल्कि पूरी मानवता हेतु काम किया है. हम अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को लेकर पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरे हैं कि वह दिन जरूर आएगा. हमारे लिए अभी कई नए आयाम हैं जिन पर हमें पहुंचना है.
पीएम मोदी ने इसरो से राष्ट्र को अपने संबोधन में देश और वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया. पीएम मोदी ने कहा कि ज्ञान का यदि सबसे बड़ा कोई शिक्षक है तो वो विज्ञान है. पीएम मोदी ने कहा की विज्ञान में विफलता होती ही नहीं, केवल प्रयोग एवं प्रयास होते हैं.
पीएम मोदी ने कहा की हमने 100 से अधिक सैटलाइट एक साथ लॉन्च कर रेकॉर्ड बनाया था. ये आप ही लोग हैं जिन्होंने अपने शुरू के ही प्रयास में मंगल ग्रह पर भारत का झंडा फहराया था. इससे पहले विश्व में ऐसी उपलब्धि किसी के नाम नहीं थी. हमारे चंद्रयान ने विश्व को चांद पर पानी होने की महत्वपूर्ण जानकारी दी थी.
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