Delhi air quality: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर रोक लगाई थी. हालांकि, दीवाली के दौरान कई जगहों पर आतिशबाजी देखी गई. दिल्ली में दीपावली पर प्रतिबंध होने के बावजूद खूब पटाखे फोड़े, जिसके परिणामस्वरुप राजधानी में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है.
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण रोकने हेतु पहले पराली को जलाने के रोकने के लिए एक खास किस्म के घोल का छिड़काव भी कराया था और इसके बाद पटाखों के भंडारण और बिक्री पर बैन लगा दिया था. दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बहुत ज्यादा खराब हो गई. दिल्ली के हर क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता आधी रात तक गंभीर के स्तर को भी पार कर गई थी.
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर ख़तरनाक
साल के इस समय हर साल दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा में प्रदूषण का स्तर ख़तरनाक तरीके से बढ़ता है. इस बढ़ते वायु प्रदूषण से लोग बीमार पड़ने लगते हैं. गले का इंफेक्शन, सर्दी-ज़ुकाम ऐसे में सबसे आम संक्रमण बन जाता है.
पटाखों की बिक्री पर बैन
दिल्ली सरकार ने पराली जलाए जाने की प्रक्रिया रोकने हेतु विशेष छिड़काव भी कराया साथ ही पटाखों की बिक्री ओर स्टोरेज पर भी बैन लगा दिया था. लेकिन ये सारे प्रयास असफल रहे और लोगों की लापरवाही का नतीजा यह हुआ की देर रात दिल्ली को प्रदूषित हवा की परत ने पूरी तरह अपने कहर में ले लिया.
Thick layer of smog blankets #Delhi, overall air quality remains in 'very poor' category' as per SAFAR-India
— ANI (@ANI) November 5, 2021
Visuals from near Akshardham Temple pic.twitter.com/wL9jcxhlOY
हवा की गुणवत्ता में सुधार
दिल्ली के जनपथ में वायु गुणवत्ता 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंच गई. 05 नवंबर 2021 को जनपथ में वायु गुणवत्ता (Air Quality Index) का स्तर 655.07 पर रहा. आसमान में धुंध की मोटी चादर छाई होने से कई लोगों ने आंखों में पानी आने और गले में खारिश की शिकायत की. केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर' के मुताबिक, 7 नवंबर तक हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा. हालांकि, वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर से 'बहुत खराब' श्रेणी में आ सकती है.
Delhi | Air quality at Janpath in 'hazardous' category - Pm2.5 at 655.07 (presently) pic.twitter.com/3QnBAvBGPy
— ANI (@ANI) November 4, 2021
दिल्ली में सुबह के समय का एक्यूआई
एक्यूआई का 400 से 500 के बीच होना गंभीर माना जाता है. दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में सुबह के समय भी एक्यूआई 999 रिकॉर्ड किया गया जो गंभीर श्रेणी के उच्चतम स्तर का भी दोगुना है. बता दें कि दिल्ली का ये हाल तब है जब सरकार ने यहां पटाखे बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार की ओर से सख्ती के बावजूद दिवाली के दिन लोगों ने जमकर आतिशबाजी की.
AQI को कब अच्छा माना जाता है?
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ''अच्छा'', 51 और 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ''मध्यम'', 201 और 300 के बीच ''खराब'', 301 और 400 के बीच ''बहुत खराब'', तथा 401 और 500 के बीच को ''गंभीर'' माना जाता है.
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