अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 22 फरवरी 2017 को प्रवासियों हेतु नए आदेश जारी किये. उन्होंने प्रवासियों के अमेरिका में आने तथा उन्हें वहां निवास करने संबंधी निर्वासन नीति की गाइडलाइन्स जारी की.
इन नये तथा कड़े नियमों के कारण 3 लाख अमेरिकी भारतीयों पर देश से निकाले जाने का खतरा मंडराने लगा है. इस आदेश के कारण अमेरिका में बिना दस्तावेज़ के गैर-कानूनी रूप से रह रहे कुल 1.10 करोड़ लोगों को अमेरिका से बाहर निकाला जा सकता है. अधिकांश लोग मैक्सिको के मूल निवासी हैं.
ट्रम्प की निर्वासन नीति के मुख्य बिंदु
• विभाग के अधिकारी केवल संदेह के आधार पर विदेशियों को गिरफ्तार कर सकते हैं.
• ट्रम्प के आदेश के अनुसार अधिकारियों को उन विदेशियों को गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का पूरा हक है जिन पर आव्रजन से जुड़े कानूनों का उल्लंघन करने का संदेह हो.
• बॉर्डर पैट्रोलिंग अधिकारी अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले तथा यहां निवास कर रहे लोगों को वापिस उनके देश भेज सकते हैं.
• जिन लोगों ने अमेरिका में शरण लेने अथवा सज़ा माफ़ करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है उन्हें भी गिरफ्तार करके वापिस उनके देश भेजा जा सकेगा.
• जिन लोगों को छोटे अपराधों जैसे दुकान से सामान चुराने, ट्रेफिक नियमों का पालन न करने पर भी गिरफ्तार करके उनकी वैधता की जांच की जा सकती है एवं अवैध नागरिक होने पर उन्हें वापिस भेज दिया जायेगा.
• यदि कोई व्यक्ति अपनी वीज़ा अवधि से अधिक समय तक के लिए अमेरिका में रुका है उसे भी गिरफ्तार किए जा सकेगा.
• जो लोग यह साबित करने में नाकाम रहेंगे कि वे दो वर्ष से अधिक समय से अमेरिका में रह रहे हैं उन्हें भी वापिस उनके देश भेज दिया जायेगा.
• ट्रम्प द्वारा जारी इन आदेशों में अमेरिका और मैक्सिको के 2,000 मील लम्बे बॉर्डर पर दीवार बनाये जाने की बात भी कही गयी है.
टिप्पणी
गौरतलब है कि भारत से बड़ी संख्या में लोग अमेरिका जाकर नौकरी पेशा कर रहे हैं तथा उन्होंने स्थायी नागरिकता के लिए वहां की अदालतों में याचिका दायर कर रखी है. अब ट्रम्प के इन आदेशों के कारण उन लोगों को देश से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है क्योंकि उनके पास इन शर्तों को पूरा करना मुश्किल होगा. इसके अतिरिक्त, विश्व भर से अमेरिका में रहकर वहां की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे करोड़ों लोगों के लिए यह मुसीबत भरा समय होगा.
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