रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में स्वदेश में विकसित उपकरण एवं तकनीकी भारतीय सेना को सौंपे है। इनमें फ्यूचर इन्फैंट्री सोल्जर एज ए सिस्टम (F-INSAS), नई पीढ़ी की एंटी-पर्सनेल माइन 'निपुण' (Nipun), उन्नत क्षमता के स्वचालित संचार प्रणाली, टैंकों के लिए अपग्रेडेड साइट सिस्टम एवं उन्नत थर्मल इमेजर शामिल हैं।
साथ ही उन्होंने, अत्याधुनिक उच्च गतिशीलता वाले इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड व्हीकल और असॉल्ट बोट को वर्चुअल माध्यम से सौंपे, जिसकी मदद से, सीमा पर तैनात सैनिक किसी भी चुनौती का उचित तरीके से जवाब देने में सक्षम बन पाएंगें।
इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए, भारतीय सेना के इंजीनियर-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि रक्षा में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा, "भारत सरकार द्वारा सशस्त्र बलों के लिए हथियार प्रणालियों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए विभिन्न नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। इस दिशा में सेना द्वारा माइंस, व्यक्तिगत हथियार और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों सहित कई नए उपकरण शामिल किए गए हैं।
'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को मिला नया आयाम
सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत, भारतीय सेना द्वारा संयुक्त रूप से रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और उद्योग जगत के सहयोग से इन उपकरण/प्रणालियों को विकसित किया गया है।
भारतीय सेना को सौंपे गए उपकरणों और प्रणालियों का मुख्य आकर्षण:
एन्टी-पर्सनेल माइन 'निपुण'/ (Anti-personnel mine Nipun)
'निपुण' नामक नई भारतीय माइन है जिसे आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, पुणे और भारतीय उद्योग के प्रयासों से विकसित किया गया है। यह सीमाओं पर सैनिकों की सुरक्षा को और मजबूत करेगी। यह माइन मौजूदा एन्टी-पर्सनेल माइन की तुलना में अधिक शक्तिशाली एवं प्रभावी है।
फ्यूचर इन्फैंट्री सोल्जर/ (F-INSAS)
फ्यूचर इन्फैंट्री सोल्जर को तीन प्राथमिक सब सिस्टम से लैस किया जा रहा है। जिसमें पहला सब सिस्टम दिन और रात के होलोग्राफिक और रिफ्लेक्स साइट के साथ अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल है। प्राथमिक हथियार प्रणाली के अलावा सैनिकों को मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड भी दिया जाएगा, जिसे मल्टीपरपज़ नाइफ़ के साथ स्वदेशी रूप से खरीदा गया है।
उन्नत रेडियो रिले (फ़्रीक्वेंसी होपिंग)/ Upgraded Radio Relay (Frequency Hopping)
चुनौतीपूर्ण सीमा क्षेत्रों में जहां कोई लाइन या संचार के अन्य तरीक़े उपलब्ध नहीं हैं, उन क्षेत्रों में रेडियो रिले प्रणाली की मदद से सैनिक अपने संचार उपकरण और रेडियो सेट को और अच्छे तरीके से संचालित कर सकेंगे। यह फ़्रीक्वेंसी होपिंग तकनीक उच्च क्षमता वाली एक उन्नत प्रणाली है। इसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है।
क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल (मीडियम)/ Quick Reaction Fighting Vehicle (Medium)
पूर्वी लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्रों में भारतीय सैनिकों की गतिशीलता बढ़ाने के लिए इन्फैंट्री मोबिलिटी प्रोटेक्टेड व्हीकल के साथ दूसरा वाहन क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल (मीडियम) होगा। यह सैनिकों की त्वरित तैनाती की सुविधा प्रदान करेगा। ये वाहन टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड से खरीदे गए हैं।
इस विशेष अवसर पर 'डिजिटल इंडिया' मिशन को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री ने 198 वीडियो मॉड्यूल भी लॉन्च किए जो नवीनतम निर्माण तकनीकों, टिकाऊ प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे के विकास में नए रुझानों के आधार को संदर्भित करते हैं।
इस कार्यक्रम में, रक्षामंत्री के अतिरिक्त, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, तीनों सेनाओं के प्रमुख, DRDO के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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