अवैध मछली पकड़ने पर बना एफएओ पोर्ट स्टेट मेजर्स एग्रीमेंट 5 जून से प्रभावी होगा

May 19, 2016, 18:10 IST

यह समझौता अपनी तरह का खासकर एफएओ द्वारा संरक्षित अवैध, अनियंत्रित और रिपोर्ट नहीं किए जाने वाले (आईयूयू) मामलों को लक्षित करने वाला दुनिया का पहला अंतरराष्ट्रीय समझौता है.  

खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) का पोर्ट स्टेट मेजर्स एग्रीमेंट (पीएसएमए) 5 जून 2016 से प्रभावी हो जाएगा. यह समझौता विश्व में सतत मछली पालन और उत्तरदायी मछली भंडार प्रबंधन को सुनिश्चित करना चाहता है.

यह समझौता अपनी तरह का खासकर एफएओ द्वारा संरक्षित अवैध, अनियंत्रित और रिपोर्ट नहीं किए जाने वाले (आईयूयू) मामलों को लक्षित करने वाला दुनिया का पहला अंतरराष्ट्रीय समझौता है.

29 देशों और यूरोपीय संघ का पीएसएमए का पालन करने संबंधी औपचारिकता पूरी करने के बाद संभव हो सका है.  

समझौते की मुख्य बातें

• नया समझौता नियंत्रण को आसान बनाने के लिए पार्टियों को विदेशी पोतों द्वारा इस्तेमाल किए जाने के लिए विशेष बंदरगाह निर्धारित करने की बात करता है.

• ऐसे जहाजों को समय से पहले बंदरगाह में प्रवेश करने के लिए अनुमति का अनुरोध करना होगा और स्थानीय अधिकारियों को जहाज पर उपलब्ध मछलियों समेत जानकारी प्रदान करनी होगी.

• जहाजों को अन्य चीजों के साथ-साथ अपने लॉग बुक, लाइसेंस, मछली पकड़ने के उपकरण और वास्तविक कार्गो की जांच करने की अनुमति देनी होगी.

• यह समझौता देशों को अवैध, अनियंत्रित या बिना रिपोर्ट की गई फिशिंग में शामिल पोतों की जांच और प्रवेश की अनुमति नहीं देने और अनिवार्य कार्रवाई करने की बात कहता है.

• कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए इस प्रकार की फिशिंग में शामिल किसी भी पोत के पता चलने के बारे में क्षेत्रीय और विश्व स्तर पर जानकारी साझा करने का देशों का दायित्व भी शामिल है.

• यह बंदरगाह के किसी भी उपयोग, चाहे वह पोतों द्वारा ईंधन भरना ही क्यों न हो, पोतों को जांच आवश्यकताओं को पूरा करना होगा, पर लागू होगा.


समझौते का कार्यान्वयन


विकासशील तटीय देशों और छोटे द्वीप देशों द्वारा समझौते के कार्यान्वयन का समर्थन करने के क्रम में एफएओ इस प्रकार है–

क) पोर्ट स्टेट मेजर्स को लागू करने के समर्थन हेतु क्षमता-निर्माण परियोजनाओं में पर्याप्त निवेश करना और

ख) समझौते के कार्यान्वयन के लिए क्षमता विकास पर वैश्विक कार्यक्रम समेत राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर-क्षेत्रीय पहलों की श्रृंखला की शुरुआत करना.

समझौता करने वाले देश

ऑस्ट्रेलिया, बारबाडोस, चिली, कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, यूरोपीय संघ– सदस्य संगठन, गैबॉन, गिनी– बिसाऊ, गुएना, आईसलैंड, मॉरिशस, मोजाम्बिक, म्यांमार, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, ओमान, पलाऊ, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, सेंट किट्स एंड नेविस, सेशल्स, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, सूडान, थाइलैंड, टोंगा, संयुक्त राज्य अमेरिका, उरुग्वे और वानुआतू आदि देश और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठन समझौता करने वाले पक्ष हैं.

टिप्पणी

पोर्ट स्टेट मेजर्स एग्रीमेंट के लागू होने के बाद दुनिया में आईयूयू फिशिंग मुश्किल हो जाएगी.

ऐसा इसलिए क्योंकि समझौता करने वाले 30 देश दुनिया में होने वाले मछली के आयात का 62 फीसदी और मछली के निर्यात का 49 फीसदी हिस्से से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं. वर्ष 2013 में यह क्रमशः 133 बिलियन डॉलर और 139 बिलियन डॉलर मूल्य का था.

एफएओ के अनुसार प्रत्येक वर्ष आईयूयू फिशिंग सालाना 26 मिलियन टन  मछली पकड़े के लिए उत्तरदायी होता है जिसकी कीमत 23 बिलियन डॉलर तक होती है.

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