प्रसिद्ध अभिनेता श्रीराम लागू का 17 दिसंबर 2019 को पुणे में निधन हो गया. वे 92 वर्ष के थे. उनका अंतिम संस्कार 19 दिसंबर 2019 को किया जाएगा. वे पिछले कुछ समय से बीमार थे. उन्हें मराठी थिएटर में तो 20वीं सदी के सबसे अच्छे कलाकारों में गिना जाता है.
श्रीराम लागू मराठी थिएटर के सबसे अच्छे कलाकार थे. वे पेशे से डॉक्टर भी थे. वे प्रगतिशील और तर्कसंगत सामाजिक कारणों को आगे बढ़ाने में भी बहुत मुखर और सक्रिय रहे हैं. उन्होंने और सामाजिक कार्यकर्ता जीपी प्रधान ने भ्रष्टाचार-विरोधी अन्ना हजारे के समर्थन में उपवास किया था.
श्रीराम लागू के बारे में
• श्रीराम लागू का जन्म 16 नवंबर 1927 को सातारा में हुआ था.
• वे हिन्दी फ़िल्मों के जाने-माने एक अभिनेता थे.
• श्रीराम लागू ने अपने कैरियर में लगभग 100 से ज्यादा हिंदी फिल्में और 40 से ज्यादा मराठी फिल्मों में काम किये है.
• उन्होंने 'आहट: एक अजीब कहानी', 'पिंजरा', 'मेरे साथ चल, 'सामना', 'दौलत' जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया है.
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• वे सिनेमा के अतिरिक्त मराठी, हिंदी और गुजराती रंगमंच से भी जुड़े रहे. उन्होंने 20 से अधिक मराठी नाटकों का निर्देशन भी किया है.
• वे पेशे से नाक, कान, गले के सर्जन थे. उन्होंने 42 साल की उम्र में अभिनय को अपना पेशा बना लिया था.
• उन्होंने 42 साल की उम्र में थिएटर और फ़िल्मों की दुनिया में कदम रखा. वे साल 1969 में पूरी तरह से मराठी थिएटर से जुड़ गए.
• उनको साल 1978 में फिल्म ‘घरौंदा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है.
• उन्होंने मराठी थिएटर में मील का पत्थर कहा जाने वाला नाटक ‘नट’ सम्राट में जोरदार अभिनय किया था. इस नाटक को प्रसिद्ध लेखक कुसुमाग्र ने लिखा था. इस नाटक में उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है. उन्हें इस नाटक में अपने शानदार अभिनय के बाद ‘नट सम्राट’ कहा जाने लगा था.
• उन्होंने हिंदी और मराठी फ़िल्मों में कई यादगार रोल किए. रिचर्ड एटनब्रा की फ़िल्म ‘गांधी’ में गोपाल कृष्ण गोखले का उनका छोटा सा रोल भी हमेशा याद रहता है. उन्होंने वही रोल जो बचपन में पुणे के अपने स्कूल में किया था.
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