ट्रांसफैट के दुष्प्रभावों के खिलाफ FSSAI ने ‘हार्ट अटैक रिवाइंड’ नामक अभियान आरंभ किया

Dec 3, 2018, 15:35 IST

एफएसएसएआई का उद्देश्य भारत की खाद्य आपूर्ति में ट्रांस फैट के स्तर को पांच प्रतिशत से दो प्रतिशत तक लाना है. यह अभियान नागरिकों को ट्रांस फैट के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में चेतावनी देता है.

FSSAI launches Heart Attack Rewind campaign
FSSAI launches Heart Attack Rewind campaign

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने औद्योगिक रूप से उत्पन्न ट्रांसफैट के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिये 'हार्ट अटैक रिवाइंड' नामक अभियान की शुरुआत की है.

हार्ट अटैक रिवाइंड नामक अभियान अपनी तरह का पहला मीडिया अभियान है जो कि 30 सेकंड की एक सार्वजनिक घोषणा है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कहा कि ट्रांस फैट लेने से हृदय संबंधी बीमारियों के कारण हर साल विश्वभर में पांच लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है.

‘हार्ट अटैक रिवाइंड’ अभियान

•    एफएसएसएआई के अनुसार, हार्ट अटैक रिवाइंड अभियान विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ट्रांस फैट के पूर्ण रूप से उन्मूलन के लिये निर्धारित वर्ष से एक वर्ष पहले अर्थात् 2022 तक भारत में ट्रांस फैट को खत्म करने के वैश्विक लक्ष्य का समर्थन करेगा.

•    ‘हार्ट अटैक रिवाइंड’ को यूट्यूब, फेसबुक, हॉटस्टार और वूट जैसे प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चार सप्ताह की अवधि के लिये 17 भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा.

•    यह अभियान नागरिकों को ट्रांस फैट के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में चेतावनी देता है और स्वस्थ विकल्पों के माध्यम से उनसे बचने के तरीके प्रस्तुत करता है.

•    इस अभियान को रेडियो चैनलों पर प्रसारित किया जाएगा तथा दिल्ली/एनसीआर की आउटडोर होर्डिंग पर भी प्रदर्शित किया जाएगा.

•    एफएसएसएआई का उद्देश्य भारत की खाद्य आपूर्ति में ट्रांस फैट के स्तर को पांच प्रतिशत से दो प्रतिशत तक लाना है.
ट्रांस फैट क्या होता है?

तरल वनस्पति तेलों को अधिक ठोस रूप में परिवर्तित करने तथा खाद्य के भंडारण एवं उपयोग अवधि में वृद्धि करने के लिये इन तेलों का हाइड्रोजनीकरण किया जाता है. इस प्रकार ट्रांस फैट का निर्माण होता है. ट्रांस फैट बड़े पैमाने पर वनस्पति, नकली या कृत्रिम मक्खन, विभिन्न बेकरी उत्पादों में मौजूद होते हैं तथा ये तले हुए या पके हुए खाद्य पदार्थों में भी पाए जा सकते हैं.

ट्रांसफैट के खिलाफ WHO का REPLACE अभियान

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वर्ष 2023 तक ग्लोबल फ़ूड सप्लाई से आर्टिफिशियल ट्रांस फैट को पूरी तरह हटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 'REPLACE' नामक पहल को लॉन्च किया है. यह एक छह सूत्रीय कार्यक्रम
है, जो इस प्रकार है:

•    RE- (Review) : औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा के आहार स्रोतों और आवश्यक नीति परिवर्तन हेतु परिदृश्य की समीक्षा.

•    P- (Promote) : स्वस्थ वसा और तेलों के माध्यम से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के प्रतिस्थापन को बढ़ावा देना.

•    L- (Legislate) : औद्योगिक तौर पर उत्पादित ट्रांसफैट को खत्म करने के लिये कानून या विनियामक कार्यवाही को लागू करना.

•    A- (Assess) : खाद्य आपूर्ति में ट्रांस फैट सामग्री तथा लोगों द्वारा ट्रांस फैट के उपभोग का आकलन और निगरानी करना.

•    C- (Create) : नीति निर्माताओं, उत्पादकों, आपूर्तिकर्त्ताओं और जनता के बीच ट्रांस फैट के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना.

•    E- (Enforce) : नीतियों और विनियमों के अनुपालन को लागू करना.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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