भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने भारत के आसमान की सुरक्षा बढ़ाने हेतु एक एयर डिफेंस कमांड (वायु रक्षा कमान) को तैयार करने का प्रस्ताव दिया है. जनरल बिपिन रावत का 01 जनवरी 2020 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उनका यह पहला फैसला है.
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने देश की हवा में ताकत बढ़ाने और सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए एयर डिफेंस कमांड को बनाने को लेकर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने एयर डिफेंस कमांड का खाका तैयार करने के लिए 30 जून 2020 की समयसीमा तय की है.
तीनों सेनाओं के साथ बैठक
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने 02 जनवरी 2020 को तीनों सेनाओं (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) के प्रमुखों के साथ बैठक की. उनके सीडीएस बनने के बाद यह दूसरी बार है जब उन्होंने तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.
वायु रक्षा कमान के गठन हेतु निर्देश
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने बैठक के दौरान निर्देश जारी किए हैं कि एयर डिफेंस कमांड बनाने का प्रस्ताव 30 जून 2020 तक तैयार किया जाए. उन्होंने 31 दिसंबर तक तीनों सेनाओं के बीच तालमेल के क्रियान्वयन हेतु प्राथमिकताएं भी तय की. वायु रक्षा कमान के गठन का उद्देश्य देश के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा अभेद्य बनाना है.
यह भी पढ़ें:Indian Navy ने अपने जवानों के फेसबुक इस्तेमाल पर लगाया बैन
मुख्य बिंदु
• तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य तथा तालमेल हेतु कुछ क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं. ऐसे क्षेत्रों, जहां सेना के दो या दो से अधिक सेनाओं की उपस्थिति है, उनमें साझा 'साजो-सामान सहयोग पूल' स्थापित किया जाएगा.
• सीडीएस ने कहा है कि भारत थिअटर कमांड बनाने हेतु पश्चिमी देशों की नकल करने के बजाय अपनी तरह से प्रक्रिया तय करेगा. कार्यभार संभालने के बाद, जनरल बिपिन रावत ने एकीकृत रक्षा कर्मचारियों के महत्वपूर्ण अधिकारियों के साथ बैठक की. वे विभिन्न विंगों के प्रमुखों को समयबद्ध तरीके से अंतर-सेवा तालमेल तथा संयुक्तता लाने हेतु सुझाव देने का निर्देश दिये.
• सीडीएस का मुख्य उद्देश्य तीनों सेवाओं हेतु समग्र रक्षा अधिग्रहण योजना तैयार करते हुए हथियारों एवं उपकरणों के स्वदेशीकरण को अधिकतम सीमा तक संभव बनाना है.
जनरल बिपिन रावत ने 01 जनवरी 2020 को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में कार्यभार संभाला. नए पद के निर्माण के पीछे मुख्य उद्देश्य भारत की तीन सशस्त्र सेवाओं- भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के बीच तालमेल सुनिश्चित करना है. सीडीएस के रूप में जनरल रावत सभी तीनों सेनाओं के संदर्भ में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार होंगे.
यह भी पढ़ें:मिग-27 लड़ाकू विमान: अंतिम उड़ान के बाद कारगिल युद्ध का ‘नायक’ हुआ रिटायर
यह भी पढ़ें:रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 22,800 करोड़ रुपये मूल्य के सैन्य सामान की खरीद को मंजूरी दी
Comments
All Comments (0)
Join the conversation