गूगल ने पंजाबी लेखिका अमृता प्रीतम के सम्मान में डूडल बनाया है. वे अपने समय की मशहूर लेखिकाओं में से एक थीं. 31 अगस्त 2019 को अमृता की 100वीं जयंती है. अमृता को किशोरावस्था से ही कहानी, कविता एवं निबंध लिखने का शौक था. वे जब 16 साल की थीं तब उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ था.
गूगल ने डूडल को बेहद विशेष अंदाज में बनाया है. जिसमें एक लड़की सूट सलवार पहनकर तथा सिर पर दुपट्टा लिए कुछ लिख रही है. अमृता प्रीतम को डूडल में एक घर के आंगन में बैठकर लिखते हुए दिखाया गया है और उनके सामने गुलाब के कुछ फूल पड़े हुए नजर आ रहे हैं. लेखिका ने 'काला गुलाब' में अपनी जिंदगी से जुड़े कई अनुभव बहुत ही खुलकर साझा किये हैं.
100 से अधिक किताबें लिखी
अमृता प्रीतम ने अपने जीवन में 100 से अधिक किताबें लिखी थीं. अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवियित्री माना जाता है. उनकी किताबें इतनी प्रसिद्ध हैं कि उनका कई भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है.
पुरस्कार और सम्मान
अमृता प्रीतम को देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मविभूषण से साल 2004 में सम्मानित किया गया था. उन्हें साल 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. उन्हें साल 1982 में भारत के सर्वोच्च साहित्त्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वे पहली पंजाबी महिला थीं जिन्हें साल 1969 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था.
भारत-पाकिस्तान बंटवारे पर लिखी गई उनकी कविता 'अज आंखन वारिस शाह नू' बहुत प्रसिद्ध है. इस कविता में भारत विभाजन के समय पंजाब में हुये भयानक घटनाओं का दर्द बयां किया गया है. उनका बहुचर्चित उपन्यास 'पिंजर' भारत-पाकिस्तान बंटवारे की पृष्ठभूमि पर आधारित है.
अमृता प्रीतम के बारे में
• अमृता प्रीतम पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थी.
• अमृता प्रीतम का जन्म पंजाब के गुजरांवाला जिले (अब पाकिस्तान में) में 31 अगस्त 1919 को हुआ था.
• वे उन साहित्यकारों में से एक थी जिनका पहला संकलन 16 साल की आयु में प्रकाशित हुआ था.
• भारत-पाकिस्तान के विभाजन के समय इनका परिवार दिल्ली में आकर बस गया. उन्होंने अब पंजाबी के साथ-साथ हिंदी में भी लिखना शुरू किया था.
• उन्होंने काफी कम उम्र से ही लिखना प्रारंभ कर दिया था तथा उनकी रचनाएं पत्रिकाओं और अखबारों में छपती थीं.
• उन्होंने अपने जीवन में 28 उपन्यास लिखे, जिनमें पिंजर भी शामिल है.
निधन
प्रसिद्ध कवियत्री अमृता प्रीतम का निधन 31 अक्टूबर 2005 को हो गया था. उनकी कलम हमेशा के लिए शांत हो गई. उनका लंबी बीमारी के चलते 86 साल की उम्र में निधन हो गया था. वे साउथ दिल्ली के हौज खास इलाके में रहती थीं.
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