केंद्र सरकार नए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के लिए सेवानिवृत्त एवं सेवारत दोनों अधिकारियों की नियुक्ति कर सकती है. रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति से संबंधित तीन रक्षा बलों के नियमों में संशोधन हेतु एक गजट अधिसूचना जारी की.
केंद्र सरकार ने आर्मी, नेवी और एयरफोर्स सर्विस अधिनियम में बदलाव किया है और इसका सूचना आज (07 जून 2022) जारी किया है. केंद्र सरकार CDS की नियुक्ति के लिए उन अधिकारियों पर विचार कर सकती है जो लेफ्टिनेंट जनरल के समकक्ष या सामान्य समकक्ष के रूप में सेवा कर रहे हैं.
Ministry of Defence issues gazette notifications to amend regulations of 3 defence forces related to appointment of Chief of Defence Staff. For appointing CDS the govt may consider officers who are serving as Lt Gen equivalent or General equivalent ...(1/2) pic.twitter.com/3leGJB4SD4
— ANI (@ANI) June 7, 2022
नोटिफिकेशन में क्या कहा गया?
अधिसूचना में कहा गया है कि लोकहित में लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल या इसके बराबर के रैंक से रिटायर्ड ऑफिसर या फिर सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किया जा सकता है. पर वे ऑफिसर नियुक्ति के समय 62 साल से ज्यादा उम्र के नहीं होने चाहिए.
यह पद कब से रिक्त है?
बता दें सीडीएस पद के लिए नामों के पैनल में तीन स्टार तथा चार स्टार रैंक के अधिकारियों को शामिल किया जा सकता है. पिछले साल आठ दिसंबर को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की हवाई दुर्घटना में मृत्यु के बाद से यह पद खाली है. नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति काफी ज्यादा समय से लंबित है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ क्या होता है?
सेना का सबसे बड़ा अधिकारी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) होता है. वे चार स्टार अधिकारी होता है. बता दें वे सेना के जिस अंग से संबंध रखता है. बता दें इसे देश के उच्च सैन्य ढांचे में सबसे बड़े सुधारों में से एक माना गया था. सीडीएस (CDS) की नियुक्ति सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर की गई थी.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के कार्य
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करता है. सीडीएस रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति का सदस्य होता है तथा परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार के रूप में भी कार्य करता है.
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