केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से दो केंद्र शासित राज्यों के गठन की प्रक्रिया की निगरानी के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. यह समिति जम्मू-कश्मीर की संपत्तियों के बंटवारे पर भी फैसला करेगी.
इस समिति में संजय मित्रा, सेवनिवृत आईएएस अरुण गोयल तथा भारतीय नागरिक लेखा सेवा (आईसीएएस) के पूर्व अधिकारी गिरिराज प्रसाद शामिल हैं, इस समिति के अध्यक्ष पूर्व रक्षा सचिव संजय मित्रा हैं.
सलाहकार पैनल का कार्य
यह कमेटी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच परिसंपत्तियों और देनदारियों के वितरण की देखरेख करेगी. लद्दाख और जम्मू-कश्मीर औपचारिक रूप से 31 अक्टूबर 2019 को अस्तित्व में आ जाएंगे.
सलाहकार पैनल
सलाहकार समिति तत्काल प्रभाव से काम करना शुरू कर देगी. समिति के पास शुरू में छह महीने का कार्यकाल होगा तथा जरूरत पड़ने पर इसे और बढ़ाया जाएगा.
सलाहकार पैनल का गठन
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 की धारा 84 और धारा 85 के तहत इस कमेटी का गठन किया गया है.
धारा 84: धारा 84 के अनुसार पुराने राज्य जम्मू-कश्मीर की संपत्ति और देयता दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटा जाना है. कानून के अनुसार यह काम केंद्र सरकार द्वारा गठित कमेटी करेगी.
धारा 85: धारा-85 के अनुसार केंद्र सरकार नए बनाए गए केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कंपनियों और निगमों की संपत्ति, अधिकारों और देनदारियों के मामलों को देखने हेतु एक या अधिक समितियों का गठन कर सकती है.
पृष्ठभूमि
भारतीय संसद ने अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने की मंजूरी दे दी थी. जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटने का फैसला किया गया था.
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