मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर दूसरा वार, 15 वरिष्ठ अधिकारियों को किया समय से पहले रिटायर

Jun 19, 2019, 11:59 IST

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा की राष्ट्रपति ने भारतीय राजस्व सेवा के 15 अफसरों को 50 साल की उम्र पूरी करने के बाद जनहित में तत्काल प्रभाव से रिटायर कर दिया है.

Modi Government gives compulsorily retires 15 very senior officers
Modi Government gives compulsorily retires 15 very senior officers

मोदी सरकार ने 18 जून 2019 को 15 वरिष्ठ अधिकारियों को समय से पहले रिटायर कर दिया है. मोदी सरकार 2.0 में सरकारी विभागों की सफाई अर्थात आलसी अफसरों को निकालने का सिलसिला लगातार जारी है.

ये सभी अफसर टैक्स विभाग के हैं. इनमें मुख्य आयुक्त, आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी शामिल हैं. वित्त मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, नियम 56 (जे) के तहत इन अधिकारियों को समय से पहले रिटायर किया गया है.

वित्त मंत्रालय द्वारा ट्वीट

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा की राष्ट्रपति ने भारतीय राजस्व सेवा के 15 अफसरों को 50 साल की उम्र पूरी करने के बाद जनहित में तत्काल प्रभाव से रिटायर कर दिया है. इन सभी 15 अधिकारियों को तीन महीने के वेतन और भत्ते दिए जाएंगे. वित्त मंत्रालय ने कहा की नियम 56 (जे) के तहत जनहित में किसी भी सरकारी अधिकारी को तीन माह की नोटिस अवधि के साथ सेवामुक्त किया जा सकता है.

वित्त मंत्रालय ने इन 15 अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया है.

पद

नाम

प्रधान आयुक्त

 डॉक्टर अनूप श्रीवास्तव

आयुक्त

 अतुल दीक्षित

आयुक्त

 संसार चंद

आयुक्त

 जी श्री हर्षा

आयुक्त

 विनय बृज सिंह

अतिरिक्त आयुक्त

 अशोक आर महिदा

अतिरिक्त आयुक्त

 वीरेंद्र कुमार अग्रवाल

अतिरिक्त आयुक्त

 राजू सेकर

उपआयुक्त

 अमरेश जैन

उपआयुक्त

 अशोक कुमार असवाल

संयुक्त आयुक्त

 नलिन कुमार

सहायक आयुक्त

एस एस पबाना

सहायक आयुक्त

एस एस बिष्ट

सहायक आयुक्त

विनोद कुनार सांगा

सहायक आयुक्त

मोहम्मद अल्ताफ

रिपोर्ट्स के अनुसार, मोदी सरकार 2.0 में अधिक वेतन पाने वाले उन वरिष्ठ अधिकारियों की सूची बन रही है, जो आलसी हैं और काम नहीं कर रहे. इससे पहले केंद्र सरकार ने आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों से 10 जून तक इस्तीफा भी मांगा था.

मोदी सरकार ने साल 2014 में सत्ता में आने के बाद पहली बार वित्त मंत्रालय के नियम 56 (जे) का प्रयोग करते हुए आलसी दिखाने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया था. इस नियम के तहत गजटेड (राजपत्रित) अधिकारी जैसे आईएएस, आईपीएस और ग्रुप ए के अधिकारियों के साथ ही नॉन-गजटेड (गैर-राजपत्रित) अधिकारियों को भी जबरन सेवानिवृति दी जा सकती है.

नियम 56 (जे) क्या है?

नियम 56 (जे) सार्वजनिक हित को देखते हुए प्रयोग में लाया जाता है. इसके माध्यम से नौकरशाहों की कार्यकाल को खत्म किया जाता है. यह ज्यादातर भ्रष्टाचार के मामले में प्रयोग में आता है. इसमें 25 साल का कार्यकाल और 50 की उम्र को पार करने वालों का कार्यकाल खत्म कर उन्हें रिटायर कर दिया जाता है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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