Gudi Padwa 2022: जानें गुड़ी पड़वा त्योहार का इतिहास और महत्व, इससे संबंधित महत्वपूर्ण बातें

Apr 1, 2022, 11:51 IST

Gudi Padwa 2022: आपको बता दें कि यह एक ऐसा त्यौहार है जिसकी शुरुआत के साथ सनातन धर्म की कई सारी कहानियां जुड़ी मानी जाती हैं. 

Gudi Padwa 2022
Gudi Padwa 2022

Gudi Padwa 2022: गुड़ी पड़वा त्योहार 2 अप्रैल, 2022 को महाराष्ट्र और गोवा में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा. नवरात्रि की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है. इसी दिन ही गुड़ी पड़़वा का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है.

आपको बता दें कि यह एक ऐसा त्यौहार है जिसकी शुरुआत के साथ सनातन धर्म की कई सारी कहानियां जुड़ी मानी जाती हैं. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के साथ नए हिंदू वर्ष की शुरुआत होती है तथा इसी दिन गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाता है. भारत के भिन्न-भिन्न राज्यों में इसे उगादी, युगादी, छेती चांद जैसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है.

गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है?

गुड़ी पड़वा पर्व को सामाजिक एवं धार्मिक विद्वान अलग-अलग रूपों में चिन्हित करते हैं. महाराष्ट्र में इसे नए साल की शुरुआत के साथ, नए फसल के शुरुआत के प्रतीक के रूप में मनाते हैं. इसके अतिरिक्त पौराणिक कथाओं में यह रावण पर भगवान राम की जीत, उनके 14 साल के वनवास के बाद उनके राज्याभिषेक तथा भगवान राम ने बालि का वध कर दक्षिण भारत के लोगों को उसके आतंक से मुक्त करवाने जैसे प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. बता दें कि गुड़ी पड़वा को ब्रह्मांड की रचना वाला दिन भी माना जाता है.

इस त्यौहार को महराष्ट्र में मनाने के पीछे एक ऐतिहासिक कारण भी है. कहा जाता है कि, मराठा शासक छत्रपति शिवाजी जी ने युद्ध जीतने के बाद सबसे पहले गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया था. जिसके बाद मराठा समुदाय प्रत्येक साल इस त्यौहार का मनाते हैं और अपने घरों पर गुड़ी यानि झंडे को विजय प्रतीक के रूप में लगाते हैं.

इस त्योहार पर क्या करते है?

इस त्योहार पर लोग ख़ूबसूरत रंगोली से सजाते हैं एवं गुड़ी यानि झंडा फहराते हैं. भारत में कोई भी त्योहार विशेष खानों के बगैर पूरा ही नहीं होता है. गुड़ी पड़वा पर भी स्वादिष्ट खानों और मिठाइयों की एक लंबी लिस्ट है. इन खानों में कोथिंबीर वड़ी, भाकरवाड़ी, कद्दू लिंबू चटनी, उसल या मिसल, बासुंदी, साबूदाना वड़ा, नारियल के लड्डू, मोदक, आमरस, पूरन पोली, श्रीखंड, मूंग दाल वड़ा, गुलाब जामुन, आलू वड़ी, आलू वड़ा, मसाला भात, मिक्स दालों और स्वादिष्ट सब्जियां महत्वपूर्ण हैं.

इस त्योहार पर लोग अपने घरों की सफाई करते हैं तथा अच्छी-बुरी पुरानी चीजों को छोड़ नए सिरे से जीवन की शुरुआत करते हैं. गुड़ी यानि झंडे को भगवान ब्रह्मा का ध्वज एवं बुराई को दूर करने के साथ घरों में ख़ुशी, यश, धन सुख, समृद्धि और सौभाग्य को आमंत्रित करने के रूप में दरवाजे पर लटका दिया जाता है.

गुड़ी पड़वा से जुड़ी खास बातें-

मराठी लोग गुड़ी पड़वा को नये साल की शुरुआत मानते हैं. इस दिन लोग नयी फसल की पूजा करते हैं.

गुड़ी पड़वा के दिन लोग अपने घरों की अच्छी तरह से साफ-सफाई करने के बाद घरों में रंगोली बनाते हैं.

इस पर्व के मौके पर खासतौर पर पूरन पोली नामक पकवान बनता है. अर्थात मीठी रोटी, इसे गुड एवं नीम, नमक, इमली के साथ बनाया जाता है.

पौराणिक कथाओं के मुताबिक इसी दिन रावण को हराने के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे थे.

इस दिन अधिकतर लोग कड़वे नीम की पत्तियों को खाकर दिन की शुरूआत करते हैं. लोगो का कहना है कि गुड़ी पड़वा पर ऐसा करने से खून साफ होता है और शरीर मजबूत बनता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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