वाडिया समूह के स्वामित्व वाली गो फर्स्ट ने हाल ही में दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है. वाडिया समूह ने इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का भी रुख किया है.
हालांकि कंपनी ने दिवालिया प्रक्रिया में चूक नहीं की है, इसलिए एनसीएलटी में दिवाला कार्यवाही शुरू होने के बाद, कंपनी को एक समाधान योजना पेश करने की अनुमति दी जाएगी. गो फर्स्ट मामले में, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण ने अपना आदेश सुरक्षित रखा है.
Due to operational reasons, Go First flights until 9th May 2023 are cancelled. We apologise for the inconvenience caused and request customers to visit https://t.co/qRNQ4oQjYT for more info. For any queries or concerns, please feel free to contact us. pic.twitter.com/mr3ak4lJjX
— GO FIRST (@GoFirstairways) May 4, 2023
9 मई तक सभी उड़ानें कीं रद्द:
देश की तीसरी सबसे बड़ी विमानन कंपनी गो फर्स्ट की ओर से कहा गया है कि ''हमें यह बताते हुए खेद हो रहा है कि परिचालन संबंधी कारणों से 9 मई 2023 तक शेड्यूल्ड गो फर्स्ट की उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.'' कंपनी ने इस असुविधा के लिए माफ़ी मांगी है. साथ ही ग्राहकों को फुल रिफंड की बात कही गयी है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उड़ान संचालन प्रक्रिया 15 मई तक निलंबित रह सकती है.
वन टाइम सेटलमेंट ऑफर :
द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, वाडिया ग्रुप गो फर्स्ट संकट के मामले में, बैंकों के साथ एक समझौते की उम्मीद में है, जिसके तहत लेनदारों को बकाया राशि में कमी को स्वीकार करना शामिल है.
गो फर्स्ट ने ऋण वसूली के लिए देनदारों को एनसीएलटी में ले जाने के बजाय एयरलाइन कंपनी ने खुद ही इनसॉल्वेंसी की कार्यवाही शुरू की है जो एक अच्छी पहल है.
इन बैंकों का है करोड़ो का बकाया:
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में गो फर्स्ट मामले की सुनवाई 5 मई को की जाएगी. गो फर्स्ट एयरलाइंस पर बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक, डॉयचे बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसी बैंकों का 6,521 करोड़ रुपये बकाया है. इसके अतिरिक्त वेंडर बकाया में ₹ 11,463 करोड़ बकाया है.
1994 में शुरू हुई थी निजी एयरलाइंस:
आधिकारिक आकड़ों के अनुसार वर्ष 1994 में देश में निजी एयरलाइंस को परिचालन की अनुमती मिली थी. उसके बाद से अब तक कुल 27 एयरलाइंस को या तो अपना परिचालन बंद करना पड़ा है या फिर किसी अन्य विमानन कंपनी ने उनका अधिग्रहण कर लिया है.
एयरलाइनों के बंद होने का क्या है इतिहास?
गो फर्स्ट देश में पहली एयरलाइन नहीं है जिसने परिचालन बंद करने की बात कही है. आधिकारिक आकड़ों के अनुसार, ईस्ट वेस्ट ट्रैवल्स एंड ट्रेड लिंक लिमिटेड पहली एयरलाइन थी जिसने अपना परिचालन बंद किया था. कंपनी ने परिचालन शुरू होने के दो साल बाद ही नवंबर, 1996 में ही इसे बंद करने की घोषणा की थी. उसी साल मोदीलुफ्त लिमिटेड ने भी अपनी उड़ान सेवाएं बंद कर दी थी.
अब तक ये एयरलाइंस हो चुकी है बंद:
भारत में अब तक बंद होने वाली प्रमुख विमानन कंपनियों में ईस्ट वेस्ट ट्रैवल्स एंड ट्रेड लिंक लिमिटेड, दमानिया एयरवेज़, किंगफिशर एयरलाइंस, जेट एयरवेज़ डेक्कन एविएशन और पैरामाउंट एयरवेज़, एयर पेगासस, एयर मंत्र, एयर कार्निवल अपना परिचालन बंद कर चुकी हैं. इसके अलावा एनईपीसी एयरलाइंस, मोदीलुफ्त लिमिटेड ने भी फंड की कमी के कारण अपना परिचालन बंद कर दिया था.
बंद हो चुकी प्रमुख विमानन कंपनियां:
- ईस्ट वेस्ट ट्रैवल्स एंड ट्रेड लिंक लिमिटेड
- जेट एयरवेज़
- एयर सहारा
- किंगफिशर एयरलाइंस
- दमानिया एयरवेज़
- डेक्कन एविएशन
- ओडिशा एविएशन लिमिटेड
- पैरामाउंट एयरवेज़
- एयर पेगासस
- एयर मंत्र
- मोदीलुफ्त लिमिटेड
- जेक्सस एयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
- एयर कार्निवल
वर्ष 2022 में हेरिटेज एविएशन प्राइवेट लिमिटेड ने परिचालन बंद कने की घोषणा की थी. वहीं वर्ष 2020 में डक्कन चार्टर्ड प्राइवेट लिमिटेड, जेक्सस एयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और एयर ओडिशा एविएशन लिमिटेड ने भी अपना परिचालन बंद कर दिया था.
एयर डेक्कन ने शुरू की थी सस्ती हवाई यात्रा:
देश में सबसे पहले किफायती विमानन सेवाओं के परिचालन का श्रेय एयर डेक्कन को जाता है. जिसका वर्ष 2008 में किंगफिशर द्वारा अधिग्रहण किया गया था. उसके बाद वर्ष 2012 में किंगफिशर एयरलाइंस को अपनी हवाई सेवाएं भी बंद करनी पड़ी थी.
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