Human Rights Day 2021: मानव अधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है. मानवाधिकार में मुख्य रूप से आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार तथा नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताएं शामिल हैं. इस दिवस का उद्देश्य मानव अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक करना तथा मानवाधिकारों के हनन को रोकना है.
आपको बता दें कि पूरी दुनिया में मानवता के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए इस दिवस की महत्वपूर्ण भूमिका है. इस दिवस पर ‘दूसरों के अधिकारों के लिए कदम उठाना’ विशेष उद्देश्य के रूप में शामिल किया गया है. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य विश्वभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना और इसके पालन के प्रति सजग रहने का संदेश देना है.
मानव अधिकार क्या है?
किसी भी इंसान की जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार है. भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है.
मानवाधिकार दिवस 2021 का थीम
मानवाधिकार दिवस 2021 का थीम असमानताओं को कम करना और मानव अधिकारों को आगे बढ़ाना है. इस वर्ष का विषय 'समानता' और यूडीएचआर के अनुच्छेद 1 से संबंधित है जो कहता है कि 'सभी मनुष्य स्वतंत्र और सम्मान और अधिकारों में समान हैं.
भारत में मानव अधिकार कानून: एक नजर में
भारत में 28 सितंबर 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में आया. भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया. आयोग के कार्यक्षेत्र में नागरिक और राजनीतिक के साथ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार भी आते हैं.
मानवाधिकार दिवस का महत्व
संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि 10 दिसंबर उस दुनिया के पुनर्निर्माण में मानवाधिकारों के महत्व की पुष्टि करने का एक अवसर है जिसमें हम रहना चाहते हैं, ग्लोबल एकजुटता की जरुरत के साथ-साथ हमारी परस्परता और साझा मानवता की आवश्यकता है.
मानवाधिकार दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाये जाने वाले दिन से ही इस दिवस को मनाया जा रहा है. पहली बार 48 देशों ने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के साथ इस दिन को मनाया था.
साल 1950 में महासभा द्वारा प्रस्ताव 423 (v) पारित करके सभी देशों एवं संस्थाओं को इसे अपनाये जाने के लिए आग्रह किया गया. यूएनजीए ने दिसंबर 1993 में इसे प्रतिवर्ष मनाये जाने के लिए घोषणा की गयी.
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