उत्तर प्रदेश में फाइलेरिया के खिलाफ उन्मूलन अभियान आज से आरंभ

Nov 25, 2019, 16:08 IST

फाइलेरिया दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को विकलांग बना रही है. भारत में 65 मिलियन लोगों को इसका खतरा है.

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 47 जनपदों में तीन सप्ताह का गहन अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. उत्तर प्रदेश में फाइलेरिया अभियान 25 नवंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक चलेगा. यूपी सरकार ने इस अभियान की शुरुआत इसलिए की है क्योंकि केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 तक देश से फाइलेरिया उन्मूलन की घोषणा की है. इस अभियान के तहत गठित टीम दवा उपलब्ध कराने के लिए लोगों के घर-घर जाएगी.

अभियान की जानकारी

राज्य के 19 जिलों को दो भागों में विभाजित किया गया है - ट्रिपल-ड्रग और डबल ड्रग. ट्रिपल ड्रग के तहत 11 जिले कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, सीतापुर, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, चंदौली, फतेहपुर और हरदोई हैं. इसी प्रकार, डबल ड्रग 8 जिलों के तहत कौशाम्बी, रायबरेली, सुल्तानपुर, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज और गाजीपुर शामिल हैं. साढ़े छह करोड़ से ऊपर की आबादी को सभी 19 जिलों में फाइलेरिया की दवा दी जाएगी.

अभियान के कार्यक्रम के अनुसार, चयनित जिलों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को दवाइयाँ दी जाएंगी. इसमें डीईसी की एक गोली और एल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी. इसकी खुराक भी उम्र के हिसाब से तय की गई है. फाइलेरिया रोग दरअसल संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है. इसलिए अभियान के दौरान मच्छरों से मुक्त वातावरण और स्वच्छता पर विशेष जोर दिया जाएगा.

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फाइलेरिया क्या है?

• विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार फाइलेरिया दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को विकलांग बना रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 65 मिलियन भारतीयों को इस बीमारी का खतरा है.
• दुनिया के 52 देशों में लगभग 85.6 मिलियन लोगों को फाइलेरिया का खतरा है. 
• भारत में लगभग 4.5 लाख लोग फाइलेरिया से पीड़ित हैं. फाइलेरिया को देश से खत्म करने के लिए 2015 में एक सरकारी नीति शुरू की गई थी.
• फाइलेरिया के ज्यादातर मामले पूर्वी भारत, मालाबार और महाराष्ट्र के पूर्वी क्षेत्रों में देखे गये हैं.

फाइलेरिया के लक्षण

फाइलेरिया के रोगी को बुखार, शरीर पर खुजली, पैरों में अत्यधिक सूजन, अंडकोष के आसपास सूजन या इससे मिलते-जुलते लक्षण हो सकते हैं. इसका संक्रमण कई रोगियों में बचपन से होता है. हालाँकि, इसके लक्षण कई सालों तक बने रहते हैं और देर से पता चलते हैं. बीमारी का पता लगने पर इसका इलाज कराया जाना चाहिए क्योंकि इलाज से बचाव संभव है.

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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