वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह कहा है कि, भारत में वर्ष, 2025 तक 120 से 160 अरब डॉलर की वार्षिक FDI आकर्षित करने की क्षमता है.
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के बयान के मुख्य पॉइंट्स
पीयूष गोयल ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर CII राष्ट्रीय सम्मेलन, 2021 के दूसरे संस्करण को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए यह कहा कि, “पिछले सात वर्षों में हमने, लगातार प्रत्येक वर्ष पिछले 07 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए, रिकॉर्ड FDI आकर्षित किया है और मुझे यह उम्मीद है कि, प्रमुख संरचनात्मक सुधार जारी रहेंगे, यह तथ्य अति महत्त्वपूर्ण है कि हमारे पास प्रधानमंत्री मोदी के तौर पर एक सक्रिय नेता है, जो सुनने को तैयार है और बदलते समय के साथ बदलने के लिए तैयार है.”
उन्होंने हाल ही में CII-Ernst एंड यंग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह कहा कि, भारत अगला वैश्विक निवेश हॉटस्पॉट होगा.
गोयल ने यह कहा है कि, वैश्विक भावनाएं 'भारत क्यों?' से 'भारत क्यों नहीं' और आज 'हमें भारत में होना चाहिए!' में बदल गई हैं.
भारत सरकार ने दावा निपटान प्रक्रिया को बनाया और सरल
"आज दुनिया के किसी भी हिस्से से अधिक यहां 71 यूनिकॉर्न सहित सफलता की कहानियां हैं. अक्टूबर, 2021 के नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में रोजगार में 43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. हमारा मैन्युफैक्चरिंग PMI (उच्च है) और सर्विस PMI एक दशक के उच्च स्तर पर पहुंच गया है.
गोयल ने आगे कहा कि, सरकार ने निवेश के माहौल में सुधार के लिए कई अहम नीतियां और कारोबारी सुधार प्रस्तुत किए हैं. "एयर इंडिया के निजीकरण जैसा निकटतम और सबसे हालिया निर्णय, जिसकी टाटा समूह द्वारा सफलतापूर्वक बोली लगाई गई थी, उस बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण पूर्वव्यापी कर को हटाना, जो मुझे विश्वास है, कई वर्षों से निवेश के माहौल के मामले में हमें महंगा पड़ा है, खनन सहित कोयला क्षेत्र में हुए सुधार, जिस तरह के सुधार हम बिजली में करने की उम्मीद कर रहे हैं, भारत में विशाल अक्षय ऊर्जा विकास की कहानी, ये सभी चीजें, मुझे लगता है कि, हमें एक उज्जवल भविष्य की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं.
उन्होंने आगे यह कहा कि, नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS) को निवेशकों के लिए आवश्यक मंजूरी और निकासी के लिए वन-स्टॉप-शॉप के तौर पर शुरू किया गया है. “पोर्टल 18 केंद्रीय विभागों और 9 राज्यों में अनुमोदन की मेजबानी करता है. अन्य 14 केंद्रीय विभाग और 5 राज्य दिसंबर तक इसमें शामिल किये जाएंगे.”
मंत्री ने फिर यह कहा कि, भारत में बहु-राष्ट्रीय निगमों (MNCs) के लिए सभी सही तत्त्व - "विविध व्यवसाय परिदृश्य, कानून का शासन और पारदर्शी प्रणाली, कुशल कार्यबल और कम श्रम लागत, कोई जबरन प्रौद्योगिकी हस्तांतरण नहीं" उपलब्ध हैं और यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद कर सकता है.
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