भारत और सऊदी अरब ने 3 अप्रैल 2016 को 5 क्षेत्रो में सहयोग के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इन क्षेत्रों में श्रम, निवेश व हैंडिक्रॉफ्ट जैसे सेक्टर शामिल है.
यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के सुल्तान सलमान अब्दुल अजीज की उपस्थति में सऊदी अरब की राजधानी रियाध में हुआ.
इन समझौतों पर हस्ताक्षर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की सऊदी अरब की दो-दिवसीय यात्रा (2 अप्रैल – 3 अप्रैल 2016) के दौरान हुआ.
सऊदी अरब की यात्रा नरेन्द्र मोदी के तीन देशो की यात्रा क्रमशः बेल्जियम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब का हिस्सा था. यह यात्रा 30 मार्च 2016 से शुरू हुई और 3 अप्रैल 2016 को संपन्न हुई.
समझौतों की सूची
• सामान्य श्रेणी के श्रमिकों की भर्ती के लिए श्रम मंत्रालय, सऊदी अरब और विदेश मंत्रालय, भारत के बीच श्रम सहयोग पर समझौता.
• हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद पर्यटन (ईपीसीएच), भारत और पर्यटन और राष्ट्रीय विरासत के लिए सऊदी आयोग के बीच हस्तशिल्प के क्षेत्र में सहयोग के लिए कार्यकारी कार्यक्रम.
• भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और सऊदी मानक, मैट्रोलोजी और गुणवत्ता संगठन (एसएएसओ) के बीच तकनीकी सहयोग कार्यक्रम.
• भारत और सऊदी अरब की वित्तीय खुफिया इकाई के बीच मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद वित्त पोषण और संबंधित अपराधों से संबंधित खुफिया सुचना के आदान प्रदान में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर.
• निवेश भारत और सऊदी अरब जनरल निवेश प्राधिकरण (SAGIA) के बीच निवेश संवर्धन सहयोग के लिए रूपरेखा.
इसके अलावा, अपनी यात्रा के दौरान मोदी ने सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद को केरल-स्थित चेरामन जुमा मस्जिद का सोना चढ़ाया हुआ प्रतिकृति भेंट की.
त्रिशूर जिले मे स्थित मस्जिद अरब व्यापारियों द्वारा 629 ईसवी में बनवाई गई थी और ये अरब व्यापारियों द्वारा भारत में निर्मित पहली मस्जिद थी.
सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द किंग अब्दुल्लाजीज साश' से सम्मानित किया.
टिपण्णी
पिछले सात महीने में मोदी की खाडी क्षेत्र की यह दूसरी यात्रा है. यह क्षेत्र भारत के लिए सामरिक महत्व का है जहां देश के 80 लाख लोग रहते हैं और यह भारत की उर्जा सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
उर्जा संसाधनों से सम्पन्न सऊदी अरब भारत का सबसे बडा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता है और कुल आयात के 20 प्रतिशत जरुरतों को पूरा करता है.
सऊदी अरब का उर्जा क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग बढने के साथ दोनों देशों के रिश्ते पिछले दो दशकों में लगातार बढते रहे हैं.
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