वरिष्ठ वकील और देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है. इंग्लैंड और वेल्स की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने हरीश साल्वे को अपना काउंसल (सलाहकार) नियुक्त किया है.
महारानी के वकील का खिताब उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने कानूनी क्षेत्र में विशेष कौशल और विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है. महारानी एलिजाबेथ के द्वारा प्रत्येक साल कॉमनवेल्थ देशों से कुछ वरिष्ठ वकीलों को नियुक्त किया जाता है. इसमें इस बार हरीश साल्वे का नाम है.
हरीश साल्वे का नाम ब्रिटेन के न्याय मंत्रालय द्वारा 13 जनवरी 2020 को जारी सिल्क नियुक्तियों (एक खास तरह के सिल्क के गाउन पहनने वाले वकील जो रानी के विशेष सलाहकार होते हैं, उन्हें उनके मेरिट के आधार पर यह नियुक्तियां दी जाती हैं) की सूची में शामिल है. प्रसिद्ध वकील को औपचारिक रूप से 16 मार्च 2020 को इस पद पर नियुक्त किया जाएगा.
ब्रिटिश सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, महारानी ने अपने 114 वकीलों को बतौर क्वीन काउंसल (सलाहकार) नियुक्त किया है. ये उपाधि उन सभी को दी जाती है जो वकालत के क्षेत्र में बहुत ही शानदार काम करते हैं. जनवरी 2019 में, भारतीय वकील दीपेन सभरवाल को रानी के काउंसल के रूप में नियुक्त किया गया था.
यह भी पढ़ें:जानें कौन है माइकल देवव्रत पात्रा, जो बने रिजर्व बैंक के नए डिप्टी गवर्नर
हरीश साल्वे कौन हैं?
• हरीश साल्वे का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर शहर में 1956 में हुआ था. हरीश साल्वे के पिता नरेंद्र कुमार साल्वे कांग्रेस के नेता थे. वहीं, उनके दादा प्रसिद्ध वकील थे.
• वकालत के अतिरिक्त हरीश साल्वे को संगीत और पियानो बजाने का भी शौक है. वे भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सबसे महंगे वकीलों में से एक हैं. वे देश के सबसे सफलतम वकीलों में गिने जाते हैं.
• हरीश साल्वे की गिनती ना सिर्फ भारत बल्कि विश्व के बड़े वकीलों में होती है. उन्होंने पिछले साल कुलभूषण जाधव का केस हैंडल किया था.
• वे इससे पहले सलमान खान, मुकेश अंबानी, इटली सरकार और वोडाफोन जैसे बड़े क्लाइंटेस के लिए पेश हो चुके हैं.
• उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से अपनी एलएलबी की पढ़ाई पूरी की थी. उन्होंने साल 1980 में अपने वकालत के करियर की शुरुआत की थी.
• हरीश साल्वे साल 1992 में दिल्ली हाई कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किए गए थे. उन्होंने 1999 से 2002 तक भारत के लिए सॉलिसिटर जनरल के रूप में काम किया.
• उन्होंने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी कई महत्वपूर्ण मामलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने साल 2019 में कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
यह भी पढ़ें:सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जानिए इस पद के बारे में
यह भी पढ़ें:जानें कौन है जनरल मनोज नरवाने जिसने भारत के 28वें सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला
Comments
All Comments (0)
Join the conversation