भारत के पहले क्रिप्टोगैमिक उद्यान का उद्घाटन सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने 11 जुलाई, 2021 को चकराता शहर, देहरादून, उत्तराखंड के देवबन क्षेत्र में किया था. इस उद्यान में फर्न, कवक, शैवाल, ब्रायोफाइट्स और लाइकेन की लगभग 50 प्रजातियां उपलब्ध हैं.
देवबन में यह उद्यान 9,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. देवबन, उत्तराखंड में देवदार और ओक के जंगल फर्न, कवक और लाइकेन जैसी क्रिप्टोगैमिक प्रजातियों के लिए एक प्राकृतिक आवास स्थल हैं.
ये क्रिप्टोगैम्स क्या होते हैं?
• इन क्रिप्टोगैम्स को गैर-बीज पैदा करने वाले या गैर-फूल वाले पौधे या बीजाणु-उत्पादक पौधों के रूप में उल्लिखित किया जाता है जिन्हें जीवित रहने के लिए नम परिस्थितियों की आवश्यकता होती है. ये पौधों की प्रजातियों के सबसे पुराने समूह हैं. इनके छिपे हुए प्रजनन के कारण इन्हें क्रिप्टोगैम्स के रूप में जाना जाता है.
• फर्न, कवक, शैवाल, ब्रायोफाइट्स, मॉस, लिवरवॉर्ट्स और लाइकेन क्रिप्टोगैम्स के सबसे प्रसिद्ध समूह हैं.
• उत्तराखंड में शैवाल की 346 प्रजातियां, टेरिडोफाइट्स की 365 प्रजातियां, ब्रायोफाइट्स की 478 प्रजातियां और लाइकेन की 539 प्रजातियां मौजूद हैं.
क्रिप्टोगैमिक गार्डन/ उद्यान में क्रिप्टोगैम्स के प्रकार
- शैवाल - ये शैवाल मुख्य रूप से समुद्री जल और मीठे पानी में मौजूद, सबसे प्राचीन जीवों से युक्त होते हैं. इन शैवाल प्रजातियों का उपयोग तरल उर्वरकों, जैव उर्वरकों के तौर पर भी किया जाता है जो मिट्टी में नाइट्रोजन की उपस्थिति की मरम्मत में सहायता करते हैं.
- ब्रायोफाइट्स - ये सरल और प्राचीन भूमि पौधे, वायु प्रदूषण को इंगित करने के साथ ही इसकी निगरानी करने, मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए मिट्टी के कणों को बांधने में सहायता करते हैं.
- लाइकेन - यह दो अलग-अलग जीवों - एक शैवाल और एक कवक - का जटिल जीवन रूप है जोकि, चट्टानी सतह पर मिट्टी के निर्माण में सहायता करते हैं. इनका उपयोग वायुमंडलीय प्रदूषकों के प्रति इनकी उच्च संवेदनशीलता की वजह से, प्रदूषण मॉनीटर के तौर पर भी किया जाता है.
- मॉस/ काई - इस उच्च जल प्रतिधारण और रोगाणुरोधी गुणों के लिए प्रसिद्ध काई का व्यापक रूप से पौधों की पैकेजिंग और परिवहन के लिए उपयोग किया जाता है.
- फर्न - यह प्राचीन संवहनी पौधों का सबसे बड़ा जीवित समूह, भारी धातुओं को जमा करता है जिससे प्रदूषण को रोकने में सहायता मिलती है और इससे संबद्ध क्षेत्र में नमी की मौजूदगी का संकेत मिलता है.
- कवक - ये बहुकोशिकीय यूकेरियोटिक जीव, विषमपोषी हैं.
इस क्रिप्टोगैमिक गार्डन का महत्त्व
• मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान) संजीव चतुर्वेदी ने यह बताया है कि, इस क्रिप्टोगैमिक उद्यान का उद्देश्य क्रिप्टोगैम्स और हमारे पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में हमारे बीच जागरूकता को बढ़ावा देना है.
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