जल शक्ति मंत्रालय ने हाल ही में गोवर्द्धन योजना (Govardhan Policy) पर एक एकीकृत पोर्टल की शुरूआत की है. गोवर्द्धन योजना को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दूसरे चरण के तहत प्राथमिकता कार्यक्रम के तौर पर अपनाया जा रहा है.
जलशक्ति मंत्रालय ही स्वच्छ भारत मिशन को लागू कर रहा है. कार्यक्रम में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जलशक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया भी मौजूद रहे.
इस पहल का उद्देश्य
इस पहल का उद्देश्य मवेशियों व जैव कचरे का प्रबंधन करना और किसानों की आय बढ़ाना है.
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने इस अवसर पर कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत में खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य हासिल किया है. अब इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए अगला चरण लॉन्च किया गया है. इसके तहत सरकार का फोकस गांवों में समावेशी स्वच्छता प्राप्त करने या ओडीएफ प्लस स्टेटस को बनाए रखने हेतु खुले में शौच की संवहनीयता और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) करना है.
ग्रामीण युवाओं को मिलेगा रोजगार
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पोर्टल लॉन्चिंग के अवसर पर बोलते हुए कहा कि गोबरधन योजना की सहायता से न केवल ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकेगा वरन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और युवाओं को कमाई हो सकेगी.
यह जैव-अपशिष्ट प्रोसेसिंग से जुड़ी उचित पहलों और योजनाओं के जरिए किया जा सकता है, विशेषकर मवेशियों के गोबर को बायोगैस और ऑर्गेनिक खाद में बदलकर रोजगार और घरेलू बचत के अवसरों का सृजन किया जा सकता है.
50 लाख रुपये तक का आर्थिक समर्थन
मंत्रालय के सचिव के मुताबिक, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, मवेशियों एवं जैव कचरे का प्रबंधन करने, पर्यावरण स्वच्छता में सुधार करने और बेक्टर जनित बीमारियों पर अंकुश लगाने एवं अन्य कार्यों में तकनीकी सहायता मुहैया कराने के लिये प्रत्येक जिले को 50 लाख रुपये तक का आर्थिक समर्थन देता है. जल शक्ति मंत्री के मुताबिक, यह पोर्टल पारदर्शिता एवं सामाजिक जवाबदेही को भी सुनिश्चित करेगा.
गोवर्द्धन योजना क्या है?
गोवर्द्धन योजना को साल 2018 की शुरुआत में लॉन्च किया गया था. इसका उद्देश्य गावों में मवेशियों के अपशिष्ट समेत अन्य जैव-अपशिष्ट का प्रबंधन करना और उन्हें बायोगैस तथा ऑर्गेनिक खाद में बदलना है. सरकार की इस योजना से किसानों और अन्य घरों को आर्थिक और संसाधनों के लाभ पहुंचाकर उनके जीवन में सुधार किया जा सकेगा. गोवर्द्धन योजना से ग्रामीण क्षेत्रों को कई लाभ मिलेंगे और गांव को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी.
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