लोकसभा ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक को मंजूरी दी

Dec 12, 2019, 15:18 IST

यह विधेयक भारत के सभी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों पर लागू होगा, जिन्हें विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित किया गया था. इस विधेयक का उद्देश्य भारत को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के रूप में स्थापित करना है.

Lok Sabha passes International Financial Services Bill
Lok Sabha passes International Financial Services Bill

लोकसभा ने 11 दिसंबर 2019 को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) प्राधिकरण विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी है. इस विधेयक में भारत में ऐसे केंद्रों में वित्तीय सेवा बाजार विकसित एवं विनियमित करने हेतु एक प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान है.

यह विधेयक भारत के सभी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों पर लागू होगा, जिन्हें विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित किया गया था. इस विधेयक का उद्देश्य भारत को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के रूप में स्थापित करना है.

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण

रचना: अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण में एक अध्यक्ष सहित नौ सदस्य शामिल होंगे, जिन्हें सभी को केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा. सदस्यों में भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड, बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण और पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण में से एक-एक सदस्य और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के दो अधिकारी शामिल होंगे. चयन समिति की सिफारिश पर शेष दो सदस्यों को नियुक्त किया जाएगा.

अवधि: सभी सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा. इसके बाद इनकी दोबारा नियुक्ति की जा सकती है.

मुख्य कार्य

• किसी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों, जिन्हें विधेयक के लागू होने से पहले किसी विनियामक (जैसे- आरबीआई या सेबी) द्वारा मंज़ूरी प्रदान की गई हो, उनको विनियमित करना है.

• प्राधिकरण ऐसी सभी प्रक्रियाओं का पालन करेगा जो इस तरह के वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों पर उनके संबंधित कानूनों के अनुसार लागू होती हैं.

• उन वित्तीय सेवाओं, उत्पादों और संस्थानों के संबंध में केंद्र सरकार को सुझाव देना, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में मंज़ूर किया जा सके.

प्रदर्शन समीक्षा समिति

विधेयक के मुताबिक, यह प्राधिकरण अपने कामकाज की समीक्षा हेतु प्रदर्शन समीक्षा समिति का गठन करेगा. समिति में प्राधिकरण के कम से कम दो सदस्य शामिल होंगे.

समीक्षा समिति के कार्य

• यह प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नियमों की समीक्षा करेगा, और मूल्यांकन करेगा कि क्या वे शासन की पारदर्शिता और सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं.

• यह इस बात की भी समीक्षा करेगा कि प्राधिकरण उचित तरीके से अपने कामकाज हेतु जोखिम प्रबंधन कर रहा है या नहीं.

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अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण कोष

• अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक, 2019 ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण कोष की स्थापना का भी प्रस्ताव दिया है.

• केंद्र द्वारा तय किए गए विभिन्न स्रोतों से प्राधिकरण द्वारा प्राप्त सभी अनुदान, फीस, शुल्क और रकम फंड में जमा की जाएगी.

• फंड का उपयोग प्राधिकरण के सदस्यों और कर्मचारियों को वेतन, भत्ते और अन्य पारिश्रमिक देने हेतु और प्राधिकरण द्वारा किए गए अन्य खर्चों के लिए किया जाएगा.

पृष्ठभूमि

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 25 नवंबर 2019 को निचले सदन में विधेयक पेश किया गया. विपक्ष द्वारा विभिन्न आपत्तियों के बीच इसे सदन में पारित किया गया. विधेयक को पहले राज्य सभा से वापस ले लिया गया था, क्योंकि वित्त विधेयक आमतौर पर केवल लोकसभा में पेश किया जाता है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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