इस 22 मई, 2021 को लगभग दो दशकों के बाद कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में माउंट न्यारागोंगो ज्वालामुखी फट गया, जिससे हजारों लोगों को अपने घरों से पलायन करना पड़ा. इस लावे ने गोमा शहर के बाहरी इलाके में 500 से अधिक घरों को नष्ट कर दिया लेकिन गामा शहर को बड़े पैमाने पर बचा लिया गया है.
ज्वालामुखी का लावा मुख्य शहर को अपनी चपेट में लेने से रुक गया, जो लगभग 02 मिलियन लोगों का घर है. हालांकि, रात में ज्वालामुखी फटने पर हजारों लोग दहशत में आकर इस शहर से भाग गए.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ट्वीट करके यह कहा है कि, वे कांगो में न्यारागोंगो ज्वालामुखी के विस्फोट से हुई जानमाल की क्षति और नुकसान से बहुत दुखी हैं.
I'm deeply saddened by the lives lost and the damage caused by the eruption of the Nyiragongo volcano in the Democratic Republic of the Congo.@UN staff are supporting the Government’s efforts to assist those affected, through the provision of emergency humanitarian aid.
— António Guterres (@antonioguterres) May 24, 2021
मुख्य विवरण
• इस 22 मई, 2021 को बिना किसी चेतावनी के माउंट न्यारागोंगो में विस्फोट हो गया, जिससे लगभग 5000 लोगों को गोमा शहर में अपने घरों को खाली करने और सीमा पार पड़ोसी देश रवांडा में भागने के लिए मजबूर होना पड़ा.
• रवांडा के आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय के अनुसार, विस्फोट के बाद कम से कम 8,000 लोगों ने सीमा पार कर उनके देश में प्रवेश किया है.
• अन्य 25,000 ने कथित तौर पर सेंक में उत्तर-पश्चिम में शरण ली है. कांगो के अधिकारियों ने कोई निकासी आदेश जारी नहीं दिया था.
• यूनिसेफ के अनुसार, लगभग 170 बच्चों के लापता होने की आशंका है. यूनिसेफ इस आपदा के मद्देनजर अकेले बच्चों की मदद के लिए ट्रांजिट सेंटरों का आयोजन कर रहा था.
•सौभाग्य से, गोमा शहर इस समय बड़े पैमाने पर विनाश से बच गया, जिसे पिछली बार वर्ष, 2002 में यह ज्वालामुखी फटने के कारण भारी विनाश झेलना पड़ा था.
• रिपोर्टों के अनुसार, गोमा शहर के पास बुहेन इलाके में इस ज्वालामुखी के लावे के सुलगते ढेर से धुआं लगातार उठ रहा है. बुहेन के आस-पड़ोस के लगभग सभी घर जल गए हैं.
माउंट न्यारागोंगो का 2002 का विस्फोट
• माउंट न्यारागोंगो एक सक्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी है, जो कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में विरुंगा राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है.
• यह ज्वालामुखी कई महीनों की बढ़ी हुई भूकंपीय और फ्यूमरोलिक गतिविधि के बाद वर्ष, 2002 में अंतिम बार फटा था. गोमा शहर में तब इस ज्वालामुखी के लावे के माध्यम से बहुत विनाश हुआ था.
• उस समय चेतावनी जारी की गई थी और ज्वालामुखी के हुए विस्फोट के दौरान लगभग 400,000 लोगों को गोमा शहर से रवांडा सीमा के पार पड़ोसी देश गिसेनी में भेजा गया था.
• इस विस्फोट के दौरान सैकड़ों लोग मारे गए थे और लगभग 100,000 लोग बेघर हो गए थे.
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