राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिवाली के मौके पर पटाखे पर बैन लगाने का बड़ा फैसला लिया है. एनजीटी ने बड़ा फैसला करते हुए दिल्ली-एनसीआर में 30 नवंबर तक पटाखों के चलाने पर रोक लगा दी है. इसके अतिरिक्त, जिन अन्य राज्यों में वायु गुणवत्ता खराब स्तर की है, वहां पर भी यह प्रतिबंध लागू होगा.
एनजीटी के आदेश के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर 09 नवंबर की मध्यरात्रि से 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. पटाखों पर एनजीटी प्रतिबंध देश के सभी शहरों/कस्बों पर लागू होगा जहां नवंबर के दौरान वायु की गुणवत्ता 'खराब' और इससे ऊपर की श्रेणी में आती है.
ग्रीन पटाखों की बिक्री
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि जिन शहरों में पिछले साल नवंबर की तुलना में इस साल नवंबर में वायु गुणवत्ता ठीक स्तर पर है. वहां पर ग्रीन पटाखों की ही बिक्री की जाएगी. आदेश में कहा गया है कि पटाखों का उपयोग दिवाली के दिन दो घंटे के लिए किया जा सकेगा.
कोविड-19 के मामले बढ़ रहे है
एनजीटी ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सभी स्रोतों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए पहल शुरू करने का निर्देश दिया क्योंकि प्रदूषण से संभावित रूप से कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं.
पटाखे जलाने के लिए सिर्फ दो घंटे का समय
एनजीटी के आदेश में कहा गया है कि जिन शहरों/कस्बों में एयर क्वालिटी सही या मॉडरेट है. वहां केवल ग्रीन पटाखों की ब्रिक्री और इस्तेमाल किया सकता है. ऐसे जगहों पर पटाखे जलाने के लिए सिर्फ दो घंटे ही दिए जाने का आदेश है.
पटाखे फोड़ने पर लग सकता है जुर्माना
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में ग्रीन पटाखों सहित सभी तरह के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा के एक दिन बाद गोपाल राय ने कहा कि पटाखे बेचने या फोड़ने वाले लोगों पर वायु प्रदूषण (नियंत्रण) अधिनियम (1981) के तहत एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने ग्रीन पटाखे चलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. दूसरी ओर पर्यावरण मंत्रालय ने कहा था कि फिलहाल उनके पास कोई ऐसी स्टडी नहीं है जिससे साफ हो सके कि पटाखों के इस्तेमाल के बाद कोरोना केस और बढ़ेंगे.
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