प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 04 फरवरी 2021 को चौरी-चौरा शताब्दी समारोह का ऑनलाइन उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में चौरीचौरा शताब्दी महोत्सव का उद्घाटन किया. उन्होंने इस मौके पर डाक टिकट भी जारी किया.
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चौरीचौरा शहीद स्थल पर मौजूद रहे. जबकि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहीं. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि महामारी की चुनौतियों के बीच भी हमारा कृषि क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ा और किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन करके दिखाया.
मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बनें, इसके लिए 1,000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि अब देश का प्रयास है कि हर गांव, कस्बे में भी इलाज की ऐसी व्यवस्था हो कि हर छोटी मोटी बीमारी के लिए शहर की तरफ न भागना पड़े.
Incident of Chauri Chaura was not limited to a police station being set on fire. Message of the incident was huge. Due to various reasons, it was treated as minor incident, but we should see it in context. The fire was not just in the station but in the hearts of people: PM Modi https://t.co/TQ3Q5fXVmF pic.twitter.com/L91PcHE8je
— ANI (@ANI) February 4, 2021
प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर कहा कि चौरी चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक थाने में आग लगाने की घटना नहीं थी, इससे एक बड़ा संदेश अंग्रेजी हुकूमत को दिया गया. चौरी चौरा में जो हुआ उसका संदेश बहुत बड़ा और व्यापक था.
डाक टिकट भी जारी
पीएम मोदी ने इस खास मौके पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया. यह समारोह साल भर चलेगा. सरकार ने चौरी चौरा कांड के शहीदों के स्मारक स्थल और संग्रहालय का पुनरूद्धार किया है. वहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं.
4 फरवरी 2022 को इसका समापन
उत्तर प्रदेश सरकार चौरी-चौरा की घटना के सौ साल पूरे होने पर इस शताब्दी समारोह का आयोजन कर रही है. इस मौके पर एक डाक टिकट का भी विमोचन किया जाएगा. यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के सभी 75 ज़िलों में आयोजित किया जाएगा. चौरी-चौरा घटना की याद में इस समारोह के अंतर्गत पूरे साल आयोजन होंगे और 4 फरवरी 2022 को इसका समापन होगा. इसके तहत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी.
चौरी-चौरा कांड के बारे में
महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन के दौरान 4 फरवरी 1922 को कुछ लोगों की गुस्साई भीड़ ने गोरखपुर के चौरी-चौरा के पुलिस थाने में आग लगा दी थी. इसमें 23 पुलिस वालों की मौत हो गई थी. इस घटना के दौरान तीन नागरिकों की भी मौत हो गई थी. इस हिंसा के बाद महात्मा गांधी ने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन वापल ले लिया था.
चौरी-चौरा शहीद स्मारक
गोरखपुर ज़िले के लोगों ने 1971 में चौरी-चौरा शहीद स्मारक समिति का गठन किया. इस समिति ने साल 1973 में चौरी-चौरा में 12.2 मीटर ऊंचा एक मीनार बनाई. इसके दोनों तरफ एक शहीद को फांसी से लटकते हुए दिखाया गया था. इसे लोगों के चंदे के पैसे से बनाया गया.
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