राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 01 अगस्त, 2021 को यह जानकारी दी थी कि, राज्य सरकार जल्दी ही राजस्थान में वनों के संरक्षण के लिए एक नीति लाने की योजना बना रही है.
उन्होंने इस योजना के वर्चुअल लॉन्च के दौरान, आगामी वन नीति की जानकारी दी जिसके तहत राजस्थान के लोगों को औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे.
महत्त्व
मुख्यमंत्री ने वनों के महत्त्व की बात करते हुए यह कहा कि, प्रकृति के संतुलन में गड़बड़ी के कारण सूखा, ग्लोबल वार्मिंग, अत्यधिक बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि, इन आपदाओं को रोकने के लिए और राज्य में वनों के संवर्धन और संरक्षण के लिए वनों का विस्तार आवश्यक है.
राजस्थान में शुरू हुई 'घर-घर औषधि' योजना
राजस्थान सरकार ने 'घर घर औषधि’ योजना शुरू की है जिसके तहत राज्य के लोगों को विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे दिए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने इस योजना के शुभारंभ के दौरान यह कहा कि, कोविड -19 महामारी के दौरान प्राकृतिक चिकित्सा का महत्त्व सिद्ध हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि, स्वस्थ राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए औषधीय पौधों के महत्त्व और उपयोग के बारे में जानकारी प्राप्त करना आने वाली पीढ़ी के लिए आवश्यक है.
विवरण
• राजस्थान के वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने यह कहा कि, इस योजना के तहत राजस्थान के सभी 01.36 करोड़ परिवारों को 05 साल में तीन बार गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा और कालमेघ जैसे आठ औषधीय पौधे मुफ्त उपलब्ध करवाए जाएंगे.
• राज्य का वन विभाग अपनी नर्सरी में ये पौधे तैयार करेगा.
• राज्य सरकार इस योजना पर 210 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
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